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इस दुनिया में कुछ ना कुछ हर क्षण हो रहा ये ज़रूरी नहीं कि हम करें–मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज

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हरि पर्वत पर चल रही है प्रतिदिन धर्म सभा 

आगरा – मैं कुछ करूं या ना करूं इस दुनिया में कुछ ना कुछ होगा दुनिया में हर क्षण कुछ ना कुछ हुआ जो हम देख रहे हैं वह किसी ना किसी ने किया है इसलिए दुनिया में जो कुछ हुआ है वह किसी ने किया है उसमें आप भी सामिल हो सकता है करने योग्य है करते आये है करते रहेंगे जो कुछ भी दुनिया में है उसे मिटा नहीं सकते अनंत अनंत तीर्थ र हो गये वे भी संसार को नहीं मिटा सके उक्त आश्य केउद्गार मुनि पुगंव श्री सुधासागरजी महाराज ने हरि पर्वत आगरा में विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि पुगंव श्रीसुधासागरजी महाराज व्यक्त किए

तीर्थकर प्रभु ने भी सुखी रहे सब जीव जगत के भावना भाई है

उन्होंने कहा कि सुखी रहे सब जीव जगत के कोई कभी ना घवरावे ये तीर्थ कर प्रभु ने भावना भाई शेखा वाटी में एक बार थे वहां वर्षा नहीं हो रही थी लोगों ने कहा कि महाराज आप भावना भाये तो वर्षा हो जायेगी मैं ने भगवान से कहा तो भगवान कहते हैं कि जव मैंने भी संसार को बहुत अच्छा देखना चाहता था लेकिन नहीं कर पाया मुझ से आगे हो तो कर ले सुखी रहे सब जीव जगत के कोई कभी ना घवरावे अनंत तीर्थ कर प्रभु ने ये ही भावना लेकिन अनन्त तीर्थ करों ने भावना भाई थी लेकिन आज भी घवराहट से हआर्टएक हो रहें।

हर व्यक्ति कमाई के आनंद की जगह असुरक्षा से डरा हुआ है

उन्होंने कहा महावीर स्वामी ने भावना भाई तो गाय और शेर एक घाट पर पानी पीये संसार में वैर खत्म हो जाए और आज उन्हीं के भक्त एक साथ पानी पीए आज भाई भाई एक साथ पानी नहीं पी पा रहे उधर भरत बहुवलि युद्ध कर रहे थे जिनकी रगो में तीर्थ कर प्रभु का खून वह रहा है वे एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए एक विसिल वजाने की जरूरत थी खून की नदियां वह जाती दो युद्ध जगत में ऐसा है एक का हारना निश्चित है लेकिन दोनों ओर ऐसे योद्धा थे जो मरने वाले नहीं थे सारी दुनिया उनकी ओर मरते जाते लेकिन दोनों योद्धाओं का कुछ नहीं होता वो तो मंत्रियों की वदोलत रही कि संसार वच गया वे जानते थे

भरत बहुवलि के युद्ध के परिणाम से मंत्री गण वाकिफ थे

 कि इस युद्ध में सारा संसार तहस नेस हो जायेगा लेकिन इन दोनों महारथी का कुछ भी नहीं विगडेगा मंत्रियों ने समझाया तो भरत बहुवलि भीषण युद्ध हुआ प्रसंग है भगवान आदिनाथ समवशरण लेकर घूम रहे हैं तव भाई भाई का वैर युद्ध में वदल गया श्री राम जैसी आदर्श व्यक्तित्व के सामने युद्ध हुआ ये प्रथ्वी हिंसा से मुक्त हो जाये पाप से मुक्त हो जाये सभी जीव सीख हो जाए हर घर में मुस्कान हो हर घर में मंगल हो हर व्यक्ति डरा वैठा है चौबीस घंटे हर व्यक्ति के मन में डर वैठा है अमंगल ना हो जाए हर व्यक्ति डरा वैठा है कि कहीं मेरी कमाई कोई चोर ना ले जाए कमाने का आंनद कम है लुटने का डर ज्यादा है भगवान ने भावना भाई थी फिर भी इस संसार का स्वभाव है इसे वदला नहीं जा सकता