जतारा – धर्म नगरी जतारा में विराजमान परम पूज्य जतारा नगर गौरव श्रमणाचार्य विमर्श सागर जी महामुनि राज ससंघ विराजमान है । वर्ष 2023 का मंगल चातुर्मास गुरुवर की जन्म नगरी जतारा को प्राप्त होने जा रहा है,चातुर्मास कलश स्थापन के पूर्व नगर जतारा के पत्रकार गण पूज्य आचार्य भगवन का आशीर्वाद लेने पहुंचे । पूज्य आचार्य गुरुवर ने सभी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि चातुर्मास में कई छोटे छोटे जीवों की उत्पत्ति होती है और हमारे चलने फिरने से उन जीवों का घात होता है अतः दिगंबर साधु वर्षा काल में चार महीने एक ही स्थान पर रहकर धर्म ध्यान करते एवं कराते हुए व्यतीत करते हैं ।पूज्य आचार्य गुरुवर ने सभी की जिज्ञासाओं कासमाधान करते हुए कहा प्रत्येक जीव मेंं, चाहे वह जीव कोई सा भी हो भगवान बनने का सामर्थ है, प्रत्येक जीवात्मा में भगवन आत्मा है ,यह जीवअपने कर्मों के बल पर भगवान बन सकता है उन्होंने कहा जीव जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है इसलिए हम सभी को सतत सत्कर्म करना चाहिए ।
धर्मनगरी जतारा में लगेगी त्योहारों की झड़ी
भारतीय जैन संगठन अध्यक्ष एवं जैन समाज उपाध्यक्ष अशोक कुमार जैन ने बताया कि भारतीय संस्कृति में प्रत्येक भारतीय नागरिक अपना प्रत्येक दिन उत्साह उल्लास पूर्वक विताता है अतः उसका हर दिन किसी त्योहार से कम नहीं होता फिर जहां संत समागम हो जाए तो वहां त्योहारो की बाढ़ ही आ जाती है, वर्ष 2023 का जतारा नगरी के साथ सुखद संयोग है जतारा नगर के गौरव जैन संत श्रमणाचार्य श्री विमर्श सागर जी महाराज का “स्वर्णिम जन्मभूमि चातुर्मास” नगर में होने जा रहा है इस शुभ समाचार से मात्र जैन समाज ही नहीं बल्कि समस्त नगरवासियों में हर्ष उमंग की लहर है ।
3 जुलाई को गुरु पूर्णिमा महापर्व एवं 4 जुलाई को होगी चातुर्मास कलश की स्थापना
नगर में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान मे सिद्धो की आराधना के साथ चातुर्मास पूर्व 3 जुलाई को गुरु चरणों में गुरु पूर्णिमा महोत्सव के बाद 4 जुलाई को आचार्य संघ की 24 पिच्छी सहित चातुर्मास की मंगल कलश स्थापना होगी जिसमें संपूर्ण भारतवर्ष से आचार्य भगवन के हजारों भक्तगण अपने गुरु देव की जन्म भूमि जतारा आकर गुरु चरणों में गुरु पूर्णिमा महोत्सव को सार्थक करेंगे एवं 4 जुलाई को जतारा नगर का स्वप्न साकार होगा जब आचार्य श्री शांति मैरिज गार्डन में चातुर्मास कलश की स्थापना करेंगे ।