रायपुर – जल योद्धा सम्मान से सम्मानित पद्मश्री उमा शंकर पांडेय ने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए खेतों पर मेड़ बनाए। साथ ही मेड़ के ऊपर अधिक से अधिक पेड़ लगाएं। जल ग्राम जखनी उत्तर प्रदेश के मेड़बंदी यज्ञ अभियान के संस्थापक पद्मश्री पांडेय ने रायपुर पहुंचकर यहां के जल स्रोतों का भ्रमण कर कहा कि छत्तीसगढ़ में जल स्रोतों की स्थिति अच्छी है। यहां चलाई जा रही नरवा गरवा घुरवा बाडी योजना जल संरक्षण एवं पर्यावरण के लिए अच्छा प्रयास है। उन्होंने कहा कि कई देश जल संकट से जूझ रहे हैं। ऐसी स्थिति में जल का संरक्षण एवं संवर्धन अत्यंत आवश्यक है। यह कार्य सरकार के साथ समाज का भी है। वर्षा जल की प्रत्येक बूंद का संरक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसे उपाय किए जाएं, जिससे कि वर्षा जल की एक भी बूंद बरबाद नहीं होना चाहिए। इसके लिए घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूरी किया जाए। खेतों पर ऊंची मेड़ बनाकर खेतों का पानी खेतों में रोका जाए। साथ ही पर्यावरण संतुलन एवं वर्षा के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं। जल स्रोतों को स्वच्छ रखा जाए। रायपुर में जल स्रोतों के भ्रमण के दौरान जलाशयों के रख रखाव एवं स्वच्छता की सराहना की। उन्होंने सेंध लेक नवा रायपुर, विवेकानंद सरोवर, रायपुर, खारुन नदी सहित कई जलाशयों का भ्रमण किया। इस दौरान सदस्य सचिव छत्तिसगढ़ राज्य बायोडायवर्सिटी बोर्ड अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के अनेक कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि जलाशयों के व्यवस्थित रखरखाव एवं स्वच्छता के यहां बेहतर प्रयास किए गए है।