सागर – पाठशाला की आवश्यकता क्या है अच्छे समाज का निर्माण कैसे होगा स्कूल कभी अच्छी समाज का निर्माण नहीं कर सकता लेकिन पाठशाला में पढ़ने से एक अच्छी समाज और संस्कारित का निर्माण बच्चे करते हैं। धर्म के प्रति आस्थावान बनते हैं और समय निकालकर धर्म के बारे में सोचते हैं मंदिर बने या ना बने पाठशाला अवश्य बननी चाहिए और जब पाठशाला बनेगी और बच्चे धार्मिक होंगे तो मंदिर भी बनेगा पाठशाला में पढ़े बच्चे कभी बिगड़ते नहीं है यह बात मुनि श्री अजितसागर महाराज ने वर्धमान कॉलोनी में पाठशाला कलश स्थापना समारोह में अपने उद्बोधन में कहीं । उन्होंने कहा पाठशाला में पढ़ा बच्चा यदि समाज का नेतृत्व करता है तो समाज को वही सही नेतृत्व दे सकता है आप कितने बड़े बन जाओ चाहे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति लेकर अपने धर्म और संस्कृति से आप कभी बड़े नहीं बन पाओगे यदि बच्चों को संस्कार नहीं मिले तो बच्चे बिगड़ेंगे आज व्यक्ति के आचरण की कीमत है आचरण सुरक्षित है तो सब सुरक्षित हैं और आचरण पाठशाला बनाती है दान देने से पुण्य कभी क्षीण नहीं होता है बल्कि बढ़ता जाता है और अंत में वही साथ जाता है दान देने वाला व्यक्ति बनिया नहीं होता बल्कि शूरवीर होता है यदि आपका आचरण ठीक है तो सामने वाला भी उसे स्वीकार करता है बच्चों को पाठशाला भेजोगे तो बे कभी मधुशाला नहीं जाएंगे।
मुनि श्री निर्दोष सागर महाराज ने कहा कि पाठशाला को संस्कारशाला कह सकते हैं जहां पर बच्चों को संस्कार प्रदान किए जाते हैं जिस प्रकार आप बच्चों को डांट डपट कर स्कूल या कोचिंग भेजते हैं उसी प्रकार छोटे बच्चों को 1 घंटे का समय पाठशाला के लिए देना चाहिए इसके लिए भले आपको बच्चों को डांटना पड़े यदि आप पाठशाला भेजेंगे तो बच्चे संस्कारित होंगे और भविष्य में आपकी आज्ञा का पालन भी करेंगे आज बच्चों के हालत यह हैं घर में कुछ कह रहे हैं और बाहर कुछ कर रहे हैं माता पिता अपने बच्चों की बातों को ही सही मान करके उन पर विश्वास कर रहे हैं जबकि हकीकत कुछ दूसरी है इसका ज्ञान सबको होना चाहिए पाठशाला में दान देने की शिक्षा भी दी जाती है क्योंकि दान देने वाला कभी गरीब नहीं होता है हमें बनिया बुद्धि का नहीं बल्कि बढ़िया बुद्धि का व्यक्ति बनना है दान देने की आदत बनानी चाहिए दान की महिमा समझ में आ जाए तो दान की घोषणा करने के बाद कभी मुकरना मत, दान देते समय चेहरे पर हर्ष का भाव होना चाहिए पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चे ही विद्वान बनते हैं ज्ञान की जड़ कड़वी होती है लेकिन ज्ञान का फल हमेशा मीठा होता है। जैन समाज के अध्यक्ष मुकेश जैन ढाना में 9 जुलाई को भाग्योदय तीर्थ में होने वाले कलश स्थापना समारोह की जानकारी सभी को दी सागर विधायक शैलेंद्र जैन, महेश बिलहरा, अशोक पवन जैन जूना, मनोज वर्धमान आदि भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे । मुनि श्री का पाद प्रक्षालन नंदन पवन डॉ मुकेश जैन करैया शास्त्र दान, महेश विलहरा, दीपचंद जैन राजेन्द्र अमन बरौदा, डा चंद्रेश जैन ने भेंट किए। मुख्य कलश डॉ. पवन जैन मुकेश जैन, कमल जैन एकता, नाथूराम अशोक जैन पवन जूना छोटेलाल जैन सलैया, भावेश सिघई, आशीष संगीता जैन, अरुण जैन रक्षा तालमपुर, दीपक जैन प्रदुमन विदवासन, मयंक परसोन,अमन जैन आदि ने स्थापित किए।