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बस का बैलेंस बिगडा तो जांच की, चक्के में सिर्फ 1 ही नट था, 55 लोग बाल-बाल बचे

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अजमेंर – जहाजपुर से धार्मिक यात्रा कर खुशी-खुशी लौट रहे अजमेंर के दिगंबर जैन समाज के 55 यात्री शनिवार रात एक बडे हादसे से बच गये। सभी लोग अजमेंर चातुर्मास करने आ रहे मुनि संकल्प सागर एवं सद्भाव सागर के दर्शन करने के लिए भीलवाडा जिले के जहाजपुर गये थे। शनिवार को पूरे दिन वहां दर्शन पुजन करने के बाद शाम को 6 बजे अजमेंर के लिए निकले। करीब 40 किलोमीटर दूर गुलगांव आने पर बस में पीछे बैठी श्री दिगंबर जैन मुनि संघ सेवा समिति के मंच के अध्यक्ष सुनील जैन होकरा को लगा कि बस का पीछे से बैलेंस बिगड रहा है। ड्रायवर को बताया गया तो वह नीचे उतरा और सभी टायरों को जांचा। ड्रायवर ने कहा कि पंक्चर नही हेैं। बस ठीक है इसके बाद एक किमी दूर चलने पर वापस बस डगमगाने लगी। यात्रियों ने ड्रायवर को वापस चेताया और खुद ही उसके साथ समिति के लोग ने बस के टायर चेक कियें। इसके बाद सभी दंग रह गये ड्रायवर साइड में पीछे वाले जुडवा टायर मे 8 में से 7 नट गायब थें, एक नट जो लगा था। वह भी ढीला था। एक नट करीब 50 मीटर की दूरी पर गिरा मिला। ड्रायवर ने दूसरे टायरों से कुछ नट खोले और पीछे के टायर में लगाए और रात 11 बजे धीरे-धीरे बस को लेकर अजमेंर पहुंचा ।

वापसी पर जैन मुनि सागर ने कहा था-जाप करके जाना,सभी ने जाप किया

बडा हादसा टलने को जैन समाज के लोग प्रभु कृपा और चमत्कार भी मान रहें है। तीर्थ यात्रियो ने बताया कि जब वे शाम को निकलने लगे थें, तब अचानक मुनि संकल्प सागर ने सभी को बुलाया और बोले-जाप करके निकलो। हालाकि सभी लोग बस में बैठने कि तैयारी कर चुके थे। मगर मुनि का आदेश पाकर सभी मंदिर में गए और मुनि सुव्रतनाथ के जाप किए। मुनि श्री ने 7 श्रीफल भी अजमेर के यात्रियों से भेंट करवाये। इसके बाद अजमेंर जाने कि इजाजत दी। जैन समाज के लोगो का कहना है कि अमूमन मुनि जाते हुये श्रावक-श्राविकाओं को जाप के लिए नही रोकते, मगर यह संयोग था कि उन्होने जाप के लिए रोका और आगे बडा हादसा होते-होते टल गया।