डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि बचपन में हमने विद्यालय में एक कहानी पढ़ी थी कि एक कछुवा रहता जो बहुत धीरे – धीरे रेंगता है और एक खरगोश रहता है जो बहुत तेज भागता है | खरगोश के आगे के दो हाथ कहो या पैर छोटे होते हैं और पीछे के पैर बड़े होते हैं इसलिए ढलान में वह लुडकता है और जब ऊपर चढ़ना रहता है तो वह छलांग लगाता है जिससे उसकी रफतार तेज हो जाती है | एक दिन दोनों के बिच कुछ संवाद होता है जिसमे वे एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं | खरगोश तेज भागता है तेज होना सही नहीं माना जाता है तेज बोलना, तेज चलना और तेज होना आदि | खरगोश को मान होता है और वह मान लेता है कि वह यह प्रतिस्पर्धा आसानी से जीत जायेगा | मान होना और मान लेना शब्द समान से लगते हैं | खरगोश तेज रफतार से लक्ष्य कि ओर दौड़ता है किन्तु बीच – बीच में आराम भी करता रहता है | लक्ष्य के बहुत करीब पहुचकर वह एक पेड़ के निचे आराम से सो जाता है कि कुछ देर आराम कर लेता हूँ अभी कछुवा थोडा दूर है | दूसरी तरफ कछुवा धीरे – धीरे रेंगता हुआ बिना कही रुके अपने लक्ष्य कि ओर बढ़ता है और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है और प्रतिस्पर्धा में विजय प्राप्त करता है | यह कहानी सभी के लिये प्रेरणा दायक है | इसी प्रकार हमें भी अपने कार्य को चाहे वह दादा हो, पुत्र हो या नाती हो जो भी काम लिया है या मिला है उसे लगन से, रूचि पूर्वक, उत्साहित होकर, निर्दोष रूप से करना चाहिये जिससे कार्य में आनंद आये और कार्य समय में पूर्ण हो सके और जो इस कार्य क्षेत्र में पारंगत है उन्हें हमेशा स्मरण में रखना चाहिये जिससे हम भी उनकी तरह अपने कार्य में सफलता प्राप्त कर सके | इसी प्रकार मोक्षमार्ग में भगवान को हम हमेशा अपने स्मरण में रखते हैं और उनका गुणगान करते हैं कि हम भी उनके जैसे बन सके | आज आचार्य श्री को नवधा भक्ति पूर्वक आहार कराने का सौभाग्य ब्रह्मचारिणी मयूरी दीदी प्रतिभास्थली जबलपुर परिवार को प्राप्त हुआ जिसके लिए चंद्रगिरी ट्रस्ट के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन,कार्यकारी अध्यक्ष श्री विनोद बडजात्या, सुभाष चन्द जैन, चंद्रकांत जैन, सिंघई निखिल जैन (ट्रस्टी),निशांत जैन (सोनू), प्रतिभास्थली के अध्यक्ष श्री प्रकाश जैन (पप्पू भैया), श्री सप्रेम जैन (संयुक्त मंत्री) ने बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें दी| श्री दिगम्बर जैन चंद्रगिरी अतिशय तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन ने बताया की क्षेत्र में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी की विशेष कृपा एवं आशीर्वाद से अतिशय तीर्थ क्षेत्र चंद्रगिरी मंदिर निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है और यहाँ प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ में कक्षा चौथी से बारहवीं तक CBSE पाठ्यक्रम में विद्यालय संचालित है और इस वर्ष से कक्षा एक से पांचवी तक डे स्कूल भी संचालित हो चुका है | यहाँ गौशाला का भी संचालन किया जा रहा है जिसका शुद्ध और सात्विक दूध और घी भरपूर मात्रा में उपलब्ध रहता है | यहाँ हथकरघा का संचालन भी वृहद रूप से किया जा रहा है जिससे जरुरत मंद लोगो को रोजगार मिल रहा है और यहाँ बनने वाले वस्त्रों की डिमांड दिन ब दिन बढती जा रही है | यहाँ वस्त्रों को पूर्ण रूप से अहिंसक पद्धति से बनाया जाता है जिसका वैज्ञानिक दृष्टि से उपयोग कर्त्ता को बहुत लाभ होता है|आचर्य श्री के दर्शन के लिए दूर – दूर से उनके भक्त आ रहे है उनके रुकने, भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही है | कृपया आने के पूर्व इसकी जानकारी कार्यालय में देवे जिससे सभी भक्तो के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था कराइ जा सके |उक्त जानकारी चंद्रगिरी डोंगरगढ़ के ट्रस्टी सिंघई निशांत जैन (निशु) ने दी है |