सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में, शिक्षा विभाग जिम्मेदार
अंबेडकर अधिकार मंच ने उठाया मामला, रायपुर कलेक्टर एवं बाल आयोग में किया शिकायत
शिक्षा का अधिकार कानून को तोड़ने का काम कर रही है शिक्षा विभाग
रायपुर – अंबेडकर अधिकार मंच के जिला अध्यक्ष शिक्षा विभाग पर शिक्षा का अधिकार कानून को तोड़ने का आरोप लगाते हुए शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध कलेक्टर रायपुर और बाल आयोग में शिकायत की है। उन्होंने कहा भामाशाह विद्या मंदिर, उमा विद्यालय के नाम से भामाशाह चौक शीतला मंदिर के पास छत्तीसगढ़ नगर, संजय नगर स्थित शहीद पंकज विक्रम वार्ड क्रमांक 58 में संचालित प्राइवेट विद्यालय में ताला लटक गया है । अप्रैल 2023 में अचानक से इस स्कूल के बंद होने से इस विद्यालय में सैकड़ों छात्र नर्सरी से कक्षा बारहवीं के छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। उन्होंने कहा स्कूल प्रबंधन के अनुसार जिन बालकों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार दाखिला दिया गया था उनके लिए शिक्षा विभाग द्वारा 2-3 सालों से प्रतिपूर्ति की रकम स्कूल को नहीं दी गई है जिस कारण आगे की शिक्षा देना संभव नहीं है। यही कारण है वे छात्र-छात्राओं जो साढ़े 6 साल से कम उम्र के थे उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं स्वामी आत्मानंद स्कूल की लाटरी प्रक्रिया में आवेदन करके भी दाखिला नहीं मिल पाया और जिसकी उम्र अधिक हो चुकी है उन्हें आवेदन करने से मना कर दिया गया जिस कारण अनेकों मासूम छात्रों का बेहतर शिक्षा नहीं मिलने से भविष्य खतरे में है। यदि नियमों के अनुसार विद्यालय के पास 3 वर्ष तक संचालन हेतु पर्याप्त निधि नहीं थी तो शिक्षा विभाग जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा हैंड वर्क करना चाहिए था जो भी बालक उक्त विद्यालय में पढ़ रहे थे उन सभी छात्रों का दाखिला उन बालकों के पसंद के स्कूलों में कराना सरकार की जिम्मेदारी है अन्यथा पढ़ने वाले बालकों छात्राओं के लिए आरटीई के अनुसार प्रति पूर्ति अधिकारी की लापरवाही से नहीं मिला उस पर जांच कार्रवाई करने की आवश्यकता है लेकिन तब संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी करवाया बालकों के हितों में नहीं है जिला शिक्षा अधिकारी छात्रों का लिंक्ड स्कूलों में दाखिला दिलाना चाहिए था और छात्रों को मझधार में छोड़ने के कारण स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों के विरुद्ध यथोचित अपराधिक कार्रवाई करना प्रावधानों में है।