अशोक नगर जैन समाज थूवोनजी कमेटी ने किया चातुर्मास का निवेदन
उपकारी का उपकार तो सभी को मानना चाहिए – श्री सुधा सागरजी महाराज
अशोक नगर – उपकारी का उपकार तो सभी को मानना चाहिए राजा रिभष देव ने कहा था कि छत्रि वनो धर्म और धार्मत्माओ की रक्षा करो वास्तविक छत्रि तो वहीं कहलाते हैं जो निर्वल असाहय की सहायता करते हैं पहले राजतंत्र था तो राजा के अनुसार राज चलता था आज प्रजातंत्र है हम अपनी योग्यता को बढ़ाकर ही राष्ट्र सेवा कर सकते हैं नदी के दो किनारे होते हैं वह कभी मिलते नहीं है नहीं कभी किसी का विरोध करते वल्कि वह नदी को वहने में सहयोगी होते हैं नदी दो तटों के मध्य वहती चली जाती है वह रास्ते में आने वाले राहगीरों की प्यास बुझती चली जाती है वह आप से कोई अपेक्षा नहीं रखती ऐसे ही उपकारी को किसी से अपेक्षा नहीं रखना चाहिए उक्त आश्य केउद्गार मुनिपुगंवश्री सुधासागर जी महाराज ने पाश्र्वनाथ तीर्थ क्षैत्र झांसी में जिज्ञासा समाधान को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए
जैन समाज ने श्री फल कर चातुर्मास का निवेदन किया
इसके पहले अशोक नगर जैन समाज एवं दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी कमेटी ने करगुआ तीर्थ झांसी में विराजमान आध्यात्मिक संत निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज को अशोक नगर थूवोनजी में चातुर्मास हेतु जैन समाज के अध्यक्ष राकेश कासंल महामंत्री राकेश अमरोद कोषाध्यक्ष सुनील अखाई समाज के वरिष्ठ राधेलाल धुर्रा राज कुमार कासंल थूवोनजी कमेटी के महामंत्री विपिन सिंघाई कोषाध्यक्ष सौरव वाझल मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा गंज मन्दिर संयोजक उमेश सिघई शैलेन्द्र श्रागर प्रदीप तारई राजेन्द्र अमन मेडिकल टिंकल एन के गार्मेंट्स मुनेश विजयपुरा महेश घंमडी सन्तोष अखाई शैलेन्द्र दददा जे की अखाई सचिन एनएस विक्की मनेशिया सही सभी भक्तों ने श्री फल भेंट कर चातुर्मास का निवेदन किया समाज के अध्यक्ष राकेश कासंल महामंत्री राकेश अमरोद ने कहा कि हम सभी अभी डोंगरगढ़ तीर्थ में विराजमान संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के पास गये थे और चातुर्मास हेतु निवेदन किया आचार्य श्री से आशीर्वाद लेकर हम लोग यहां आपके श्री चरणों में श्री फल भेंट कर रहे हैं।
भक्तों की प्रवल भावना है कि आपकी सेवा का मौका मिले
मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि इस वर्ष योग ऐसा वना है कि दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी अशोक नगर पंचायत कमेटी गौशाला सभी कमेटियां एक मत से कार्य कर रही है हम लोग वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं गत वर्ष भी आचार्य श्री ने थूवोनजी के लिए आशीर्वाद दिया था लेकिन परिस्थितियां अनुकूल नहीं वनी हमारा ही पुण्य कम रह गया इस वार हमें सेवा का मौका मिले ऐसे सभी भक्तों की प्रवल भावना है इस दौरान मुनि पुगंव श्रीसुधासागरजी महाराज ने कहा कि हमें तो जो संकेत मिल जायेंगे हम चल देंगे आपको आचार्य श्री के पास ही जाना होगा उन्होंने कहा कि दुनिया के भगवान का अवतार वह होता है जहां पापी जीव बड़ जाते हैं पाप का नाश करने भगवान अवतार लेते है वहीं जैन दर्शन की विशेषता है कि पुण्य आत्मा का उद्धार करने हमारे भगवान आते हैं जैन दर्शन की विशेषता है कि पुण्यवन के भाग्य से ही तीर्थ कर प्रभु का जन्म होता है जैन दर्शन के भगवान वहीं जन्म लेते हैं जहां पुण्यात्मा होते है।
अवधी ज्ञान का प्रयोग नहीं करते
उन्होंने कहा कि अपराधी का पता होने पर भी साधु नहीं वता सकता अवधिज्ञानी मुनि महाराज सब जानते हैं फिर भी वे ऐसा नहीं करते राज व्यवस्था से साधु दूर रहते हैं महापुराण के अंदर आया राजा रिषभदेव अवधिज्ञानी होते हुए भी कोतवाल की स्थापना करते हैं जिसके पैसे पहले लिए थे तो वह ले गया और यदि उसने अपने आपके राज व्यवस्था के संचालक हाथ भी जोड़ने पर चक्रवर्ती की तरह पुण्य लग सकता है शक्ति को मत छुपना शक्ति है और फिर भी नहीं कर पा रहे धर्म और कर्म साझे का मत करना धर्म अपने ही हिसाब से करना जो व्यक्ति दान में दुसरे को सामलित करता है उसे व्यापार भी सामलात के ही करना पड़ेगा।