भोपाल (विश्व परिवार)। राष्ट्रसंत आचार्य विशुद्ध सागर महाराज एवं आचार्य विहर्ष सागर महाराज संघ सहित राजधानी के मंदिरों में वंदना हेतु पद विहार हो रहा है आज पंचशील नगर जैन मंदिर मि गाजे-बाजे के साथ आचार्य संघ की अगवानी हुई आचार्य संघ के सानिध्य में 24 तीर्थंकर प्रभु का अभिषेक धार्मिक अनुष्ठान हुए आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने कहा वस्तु का स्वभाव ही धर्म होता है पर वस्तु स्वभाव की गलत व्याख्या होने से लोग भ्रमित हैं संपूर्ण जीवन छल कपट और प्रपंचों पर निकल गया संसार में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसे जीवन जीने में झूठ ना बोलना पड़ा हो कपट ना करना पड़ा हो अंतिम समय अपराधी बनकर अंतिम सांस मत लेना अंतिम समय जीवन के साथ न्याय कर जाना जीवन में की गई सभी गलतियों के लिए सब प्रभु से क्षमा मांगते हुए समभाव के साथ समाधि पूर्वक मरण को प्राप्त होना समता भाव के साथ बुद्धि पूर्वक मरण होना ही समाधि है आचार्य विहर्ष सागर महाराज ने कहा मनुष्य जन्म सार्थक करना है तो संयम धारण करो अपनी गलतियों को पहचान कर गलतियों को छोड़ने का नाम ही संयम है आचार्य श्री ने कहा जैन संतो की पिछिका उनका आधार कार्ड है संसार में दिगंबर मुद्रा की पहचान पिछिका कमंडल है उन्होंने कहा 2 तरह-का माइंड होता है एक डाउटफुल माइंड एक क्लियर माइंड जिनका जगत से माइंड क्लियर हो गया है वही मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया मंदिर समिति के अध्यक्ष संतोष श्वेता कुंदन एवं अन्य पदाधिकारियों ने आचार्य श्री को श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद लिया पंचशील नगर महिला मंडल पाठशाला परिवार एवं युवा मंडल के सदस्यों ने अष्ट द्रव्य से पूजा अर्चना की पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज बांगा टी टी नगर मंदिर समिति के अध्यक्ष अमर जैन एवं पदाधिकारियों को मिला शास्त्र भेंट मुकेश जैन निर्मल जिनेंद्र प्रगति जैन संतोष गुडा परिवार द्वारा किए गए आज मंगलवार को आचार्य श्री की धर्म देशना नेहरू नगर मंदिर में होगी।