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पहली बार विदुषियों द्वारा दिए जाएंगे धार्मिक संस्कार

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11 दिवसीय श्रमण संस्कृति संस्थान शिक्षण शिविर आज से -50 से अधिक जैन मंदिरों में लगेंगे शिविर -शिविर के बहुरंगीय पोस्टर का हुआ विमोचन 

जयपुर (विश्व परिवार)। श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान के अन्तर्गत संचालित संत सुधासागर बालिका महाविद्यालय एवं श्री दिगम्बर जैन महिला महासमिति राजस्थान अंचल एवं संयुक्त महिला संभाग के तत्वावधान में  संस्थान के 26 वर्षों की संपूर्ति के अवसर पर  11 दिवसीय श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। रविवार को शिविर के बहुरंगीय पोस्टर का विमोचन एक सादा समारोह में किया गया । मुख्य संयोजक उत्तम चन्द पाटनी, शालिनी बाकलीवाल एवं विनिता बोहरा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि ग्रीष्म अवकाश में आयोजित इन धार्मिक संस्कार शिक्षण शिविरों के माध्यम से जयपुर शहर के 50 मंदिरों सहित पूरे प्रदेश के विभिन्न शहरों के दिगम्बर जैन मंदिरों में धर्म प्रभावना की जाएगी । अधिष्ठात्री शीला डोड्या एवं निदेशिका डॉ वन्दना जैन ने बताया कि पहली बार इन शिक्षण शिविरों में संत सुधासागर बालिका महाविद्यालय की विदुषियों द्वारा बच्चों, युवाओं,महिलाओं एवं पुरुषों सहित हजारों श्रावकों को अध्ययन एवं ज्ञान के माध्यम से संस्कारित किया जाएगा।संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद एवं मुनि पुंगव सुधा सागर महाराज की प्रेरणा से इन शिविरों के माध्यम से श्रावकों में संस्कारों का शंखनाद किया जाएगा।

संवाददाता सम्मेलन के दौरान संस्कार शिक्षण शिविर के बहुरंगीय पोस्टर का विमोचन किया गया। इस मौके पर उत्तम चन्द पाटनी, सुरेश कासलीवाल, दर्शन बाकलीवाल, विनोद जैन कोटखावदा, शालिनी बाकलीवाल,विनिता बोहरा सहित अन्य गणमान्य श्रेष्ठीजन तथा बड़ी संख्या में महाविद्यालय की विदुषियां उपस्थित थी । मुख्य संयोजक उत्तम चन्द पाटनी ने बताया कि संत सुधासागर बालिका महाविद्यालय लौकिक एवं धार्मिक प्रशिक्षण युक्त सघन शिक्षा द्वारा आर्षमार्गी आगमनिष्ठ विदुषियों को तैयार करने वाली विश्व की एक मात्र संस्था है । दर्शन बाकलीवाल एवं सुरेश कासलीवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इन शिविरों में जैन धर्म शिक्षा भाग प्रथम एवं द्वितीय,छहढाला, द्रव्य संग्रह,इष्टोपदेश, तत्त्वार्थसूत्र, भक्तामर स्तोत्र, रत्नकरण्डक श्रावकाचार व अन्य ग्रन्थों का अध्ययन करवाया जाएगा । विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि प्रत्येक मंदिर से प्रत्येक विषय में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले श्रावकों की पुनः परीक्षा ली जाएगी तथा उसमें प्रथम आने वाले को पण्डित रतन लाल बैनाडा की स्मृति में रत्नाकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

इन शिविरों में किताबी ज्ञान के अलावा खेल खेल में जीवनोपयोगी एवं ज्ञानवर्धक जानकारी दी जाएगी। जैन धर्म के सिद्धांत त्याग एवं संयम की भावना अनुसार श्रावकों को प्रतिदिन एक नियम एवं त्याग दिलाया जाएगा। शिविर में अल्पाहार में जमीकंद एवं अभक्ष्य वस्तुओं तथा रात्रि में अन्न की सामग्री वितरित नहीं की जाएगी । शिविरार्थियों को उत्साह वर्धन हेतु प्रतिदिन प्रभावना वितरित की जाएगी । श्री दिगम्बर जैन महासमिति महिला अंचल द्वारा शिविर जयपुर के 50 जैन मंदिरों सहित किशनगढ़, अजमेर,दूदू, ब्यावर, नसीराबाद, कुचामन,सांभर, फुलेरा, केकड़ी, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, सवाईमाधोपुर,बूंदी,आवां, चांदखेड़ी, जोधपुर आदि स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे । श्री दिगम्बर जैन महिला महासमिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष शीला डोड्या ने बताया कि शिविर के लिए मंजू जैन,नीता जैन,कांता जैन,नीना गदिया, तारामणि जैन,आशा अग्रवाल, अंजना जैन,मैना जैन, रचना बाकलीवाल,किरण जैन,चंदा सेठी को संयोजक बनाया गया है।

विदुषियां का किया सम्मान –

संत सुधासागर बालिका महाविद्यालय एवं छात्रावास की विदुषियों को तिलक लगाकर , माल्यार्पण कर गणमान्य श्रेष्ठीजनों ने शिविरों में अध्ययन के लिए महाविद्यालय एवं छात्रावास भवन से जयकारों के बीच रवाना किया।इस मौके पर पूरा सभागार भगवान आदिनाथ के जयकारों तथा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।