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आर्यिका रत्न गरिमा माताजी आर्यिका गंभीर मति माताजी सघंस्थ नव दीक्षार्थी डा.उर्वशी दीदी की निवाई पावन धरा पर निकली शोभा यात्रा

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निवाई (विश्व परिवार)। आर्यिका रत्न गरिमामति माताजी एवम निवाई गौरव गंभीरमति माताजी संघस्थ नव दीक्षार्थी  डा.उर्वशी दीदी की निवाई की पावन धरा पर दीक्षा पूर्व  भव्यता के साथ समाज ने  ऐतिहासिक अभिनंदन किया। जैन समाज के मिडिया प्रवक्ता विमल जौंला ने बताया कि कार्यक्रम में सकल दिगंबर जैन समाज ने  डाॅ. उर्वशी दीदी की मेहन्दी रस्म अदा कर पंचमेवा से छोल भराई की कार्यक्रम में आचार्य इन्द्र नन्दी महाराज एवं क्षमानन्दी महाराज के सानिध्य में सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से डाॅ.उर्वशी दीदी का दीक्षा पूर्व अभिनंदन बिनोरी व गोद भराई समारोह आयोजित किया गया । जौंला ने बताया कि दीक्षार्थी डाॅ. उर्वशी की जैनेश्वरी दीक्षा 1 जून 2023 को आर्यिका  गरिमामति माताजी एवं आर्यिका  गंभीरमति माताजी संघस्थ सानिध्य में डिमापुर नागालैंड में आयोजित होगी। दीक्षार्थी उर्वशी दीदी की भव्य अगवानी बैंड बाजा, ढोल धमाकों के साथ जयकारों के बीच महिलाओं ने नाचते-गाते हुए की।

 प्रवक्ता सुनील भाणजा ने बताया कि कार्यक्रम के तहत दीक्षार्थी उर्वशी दीदी को बग्गी मे बिठाकर दिगम्बर जैन बडा़ मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा बडा़ जैन मंदिर से रवाना होकर मुख्य मार्गो से होती हुई सन्त निवास नसियां जैन मंदिर पहुंची जहाँ समाज द्वारा पंचमेवा से छोल भराई की गई। जिसमें सकल दिगंबर जैन समाज के द्वारा श्रद्धालुओं ने श्रीफल, फल, सूखे मेवे, काजू, किसमिस, अखरोट, मिश्री आदि से दीक्षार्थी की छोल भरी। तत्पश्चात वहां महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं ने भक्तिमय प्रस्तुतियां दी गई । जैन समाज के मंत्री महावीर प्रसाद पराणा ने बताया कि संघ मे निवाई की गौरव आर्यिका गम्भीर मति माताजी सहित कई मुनि आर्यिका क्षुल्लक क्षुल्लिका माताजी की जन्मभूमि है। इसलिए निवाई जैन समाज आज गौरवान्वित है।

 डा.उर्वशी दीदी का जीवन परिचय देते हुए जौंला ने अवगत कराया कि सरल स्वभावी सुशिक्षित डाॅक्टर उर्वशी शाह (नव दीक्षार्थी) का जन्म पिता डाह्या भाई – माता श्रीमती चंद्राबहन के गृह आंगन में 5 जनवरी 1977 पोष शुक्ला पूर्णिमा को शुभ बेला में हुआ। परिवार की छह बहनों में तीसरे नंबर की बहन डाॅ. उर्वशी जन्म से ही कुशाग्र बुद्धि की होनहार बालिका है और शिक्षा में उच्च आयाम स्थापित किए थे। आपने हर्बल ड्रग्स में एम. फार्मा एवं पीएचडी करके नया कीर्तिमान बनाया। इसके साथ ही आपको डाॅक्टरेट की उपाधि से विभूषित किया गया। आपने वर्ष 2000 से 2008 तक गुजरात के राजकीय महाविद्यालय में लेक्चरार के रूप में कुशल सेवाएं प्रदान की। उसके बाद 2009 से 2012 तक उच्च अध्ययन करके यूएसए से फार्मेस्ट की डिग्री प्राप्त की। आपने गुजरात में 2012 से 2015 तक हर्बल ड्रग्स कंसल्टेंसी में कार्य करते हुए नाम कमाया। उसके पश्चात आप पुनः 2015 से 2018 तक ब्लेयर फार्मेसी कनाडा में चली गई। प्रारंभ से ही आप सर्वगुण संपन्न, सुशिक्षित, सुसंस्कारी, स्वावलंबी, दृढ़ संकल्पी , सुंदर एवं सुयोग्य नेत्री के साथ साथ ज्ञानी साधिका है। आपका वैराग्य जीवन पथ 1998 से प्रारंभ हो गया था। उसी समय से आपने आजीवन कंदमूल का त्याग कर दिया था। उसके पश्चात सन 2000 में आपने आजीवन शुद्धजल का त्याग, चाय एवं एलोपैथिक औषधियों का त्याग कर दिया था। आपने अपने पारिवारिक ग्रहस्थ जीवन की बड़ी बहन परम पूज्य आर्यिकारत्न गरिमामति माताजी से 2018 से ब्रह्मचर्य व्रत एवं पंचम प्रतिमा व्रत धारण कर अपने आपको साधना के मार्ग पर पूर्णतया अग्रसर कर दिया। इसी क्रम में सन 2021 में परम पूज्य वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्धमान सागर महाराज से सप्तम प्रतिमा व्रत धारण करते हुए आजीवन गृह त्याग कर दिया और आर्यिका संघ में सेवा एवं संचालिका के रूप में अपने आपको समर्पित कर दिया। आपने विगत वर्ष अक्टूबर 2022 में दीक्षा लेने का संकल्प ले लिया जिसे अब 1 जून 2023 को आर्यिका गरिमामति माताजी आर्यिका गंभीरमति माताजी ससंघ के सानिध्य में ब्रह्मचारिणी उर्वशी दीदी 1 जून 2023 को डीमापुर की पावन धरा पर भव्य जैनेश्वरी दीक्षा देने की घोषणा कर सभी को मंगलमय आशीर्वाद प्रदान किया। संघस्थ उर्वशी दीदी आर्यिका दीक्षा लेकर इस संकल्प को पूर्ण कर रही है। जैन समाज के अध्यक्ष नेमीचंद गंगवाल मंत्री महावीर प्रसाद पराणा मुख्य सचेतक महावीर प्रसाद जैन विष्णु बोहरा अशोक कटारिया रमेशचंद गिन्दौडी़ पिन्चू संधी मनोज पाटनी एवं सम्पूर्ण जैन समाज ने मंगलमयी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि धन्य है आपके परिवारजन एवं माता-पिता को जिन्होंने ऐसी सुशिक्षित बेटी को वैराग्य के पथ पर अग्रसर किया है।