छल कपट रहित सामायिक का प्रमाण पत्र हे निर्मल समाधि – आचार्य विशुद्ध सागर महाराज
भोपाल (विश्व परिवार)। राजधानी के समीप अहिंसा स्थली सुखी सेवनिया पंच कल्याणक का समापन हुआ प्रतिष्ठित 270 जिन प्रतिमा की मोक्ष क्रिया संपन्न हुई संपूर्ण परिसर जयकारों से गूंज उठा तीर्थ परिसर से आचार्य विशुद्ध सागर महाराज सा संघ के सानिध्य में भव्य शोभायात्रा निकली प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया भगवान जिनेंद्र के रथ श्रद्धा भक्ति और आस्था के केंद्र थे शोभा यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था सुसज्जित बग्गीयों में महोत्सव के प्रमुख पात्र विराजमान थे आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज ने आशीर्वचन में कहा तप और साधना आत्म कल्याण के लिए होती है प्रचार के लिए नहीं समाधि में भीड़ तो हो सकती है लेकिन भीड़ में समाधि नहीं होती छल कपट रहित निर्मल सामायिक का प्रमाण पत्र समाधि है आचार्य श्री ने कहा सामायिक मुनियों का चरित्र है प्रतिक्रमण करने से दैनिक जीवन के पापों का क्षय होता है जो अपनी गलतियों को स्वीकारते हैं उसी का नाम प्रतिक्रमण है आचार्य श्री ने कहा मां महात्मा परमात्मा पर कभी किसी भी तरह की पाबंदी नहीं होना चाहिए संसार में आकाश वायु और जल पर पाबंदी कर दोगे तो संसार नष्ट हो जाएगा आज आचार संघ के सानिध्य में सभी प्रतिष्ठित जिन प्रतिमा का अभिषेक होगा।
जयकारों के साथ आर्यिका विज्ञान मति माताजी की सा संघ आगवानी
भोपाल आर्यका विज्ञान मति माताजी कि सा संघ भव्य अगवानी नंदीश्वर जिनालय में हुई अगवानी शोभायात्रा के साथ जयकारो के बीच श्रद्धालुओं ने आर्यका संघ की अगवानी की समाज के मीडिया प्रभारी अंशुल जैन ने बताया आर्यका संघ ने नंदीश्वर जिनालय में विराजमान जिन प्रतिमाओं की वंदना की महिलाओं ने आर्यका संघ की चरण वंदना की।
– अंशुल जैन