छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में नक्सलियों ने शनिवार सुबह जमकर उत्पात मचाया और दिनदहाड़े एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया. दरअसल 20 साल बाद नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हुई पल्ली बारसूर सड़क को कुछ ही महीने पहले बनाकर पूरा किया गया है और आज सुबह एक बार फिर इस मार्ग पर नक्सलियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए यात्री बस को आग के हवाले कर दिया है और बस के ड्राइवर को भी दोबारा इस रूट पर बस चलाने पर जान से मारने की धमकी भी दी है.
नक्सलियों ने इस वारदात को दो कैंपों के बीच में अंजाम दिया है. नक्सलियों ने यात्री बस को आग के हवाले करने के साथ ही सड़क पर एक पेड़ की डंगाल काटकर भी गिरा दिया है, साथ ही बैनर भी लगाया है.
इस घटना के बाद यात्रियों में भी दहशत का माहौल है. जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल पहुंची दंतेवाड़ा पुलिस ने सभी यात्रियों को दंतेवाड़ा तक पहुंचाया. बताया जा रहा है कि शनिवार तड़के सुबह यह बस नारायणपुर से दंतेवाड़ा के लिए निकली थी. इसी दौरान नक्सलियों ने पल्ली बारसूर के बीच घोटिया चौक में इस आगजनी की वारदात को अंजाम दिया.
दिन दहाड़े दिया इस घटना को अंजाम
दंतेवाड़ा के एसपी सिद्धार्थ तिवारी से मिली जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने इस वारदात को पल्ली-बारसूर सड़क मार्ग के घोटिया चौक में अंजाम दिया है. जानकारी मिली है कि 25 से 30 नक्सली पहले ही घात लगाए हुए बैठे थे और जैसे ही नारायणपुर से दंतेवाड़ा के लिए बस इस मार्ग से गुजर रही थी तभी हथियारबंद नक्सलियों ने बस को रुकवा.या इस दौरान बस में करीब 20 से 25 यात्री सवार थे. सभी को बस से उतरने को कहा, जिसके बाद नक्सलियों ने डीजल टैंक छोड़कर बस में आग लगा दी. हालांकि इस घटना में नक्सलियों ने कोई जनहानि नहीं पहुंचाई है. ड्राइवर को दोबारा इस रूट पर बस चलाने पर जान से मारने की धमकी देने की भी बात सामने आ रही है.
एसपी ने आगे बताया कि, जानकारी मिलने के बाद तुरंत दोनों पुलिस कैंप से सुरक्षा बल को मौके पर भेजा गया, लेकिन नक्सली इस वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो गए थे. नक्सलियों ने स्टेट हाईवे पर पेड़ की डंगाल भी काट कर गिरा दी थी, जिसे हटा दिया गया है और एक बार फिर से मार्ग में आवागमन शुरू हो चुका है. एसपी ने कहा कि इस सड़क की सुरक्षा के लिए पल्ली से बारसूर मार्ग में सीआरपीएफ के दो पुलिस कैम्प खोले गए हैं. वहीं घटना के बाद इलाके में सर्चिंग तेज कर दी गई है. सभी यात्रियों को सुरक्षित दंतेवाड़ा पहुंचा दिया गया है.
20 साल बाद दोबारा शुरू हुआ आवागमन
गौरतलब है कि करीब 20 साल तक नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले पल्ली बारसूर में आवागमन पूरी तरह से प्रभावित था, जिसके बाद बीते 3 साल में दोबारा इस सड़क का निर्माण कार्य कराया गया. इस दौरान 100 से अधिक जवानों की शहादत भी हुई. वहीं कुछ ही महीने पहले इस रूट पर यात्री बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया और दोबारा इस सड़क पर आवागमन शुरू हुआ, लेकिन आवागमन शुरू हुए 3 महीने भी नहीं बीते और नक्सलियों ने एक बार फिर सड़क पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए यात्री बस में आगजनी की घटना को अंजाम दिया. इस वजह से फिर से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है. फिलहाल घटना के बाद दंतेवाड़ा पुलिस इलाके में सर्चिंग अभियान तेज करने की बात कह रही है.