Desh Ka Mood ; लोकसभा चुनाव 2024 में अभी सालभर का वक्त है. ऐसे में देश का मिजाज समझ रहा है. इसी माहौल में राहुल गांधी को मानहानि केस में सजा मिली है और उनकी संसद सदस्यता चली गई है.
राहुल को मिली सजा पर मैट्राइज ने सर्वे किया है. स्पष्ट कर दें कि राहुल गांधी को लेकर 23 से 25 मार्च के बीच सर्वे किया गया, जिसमें 10 हजार लोगों की राय ली गई.
वहीं, अन्य जरूरी और अहम मुद्दों को लेकर भी मैट्राइज ने उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर सर्वे किया है. यह 7 मार्च से 22 मार्च के बीच किया गया, जिसमें 80,600 लोगों की राय ली गई. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 फीसदी है. ओवरऑल सर्वे में क्या रहे सवाल और उन पर जनता की राय, आइए जानते हैं.
राहुल गांधी को मिली सजा पर जनता की राय क्या है?
सदस्यता खत्म होना सही- 23 फीसदी
बयान गलत लेकिन सदस्यता रहे- 31 फीसदी
सजा से असहमत, राजनीति हुई- 22 फीसदी
पता नहीं- 4 फीसदी
राहुल के ‘लोकतत्र खत्म’ बयान पर जनता की राय?
विदेश में ऐसा कहना गलत- 67 फीसदी
बीजेपी राजनीति कर रही- 27 फीसदी
पता नहीं- 6 फीसदी
कांग्रेस का आरोप राहुल को बोलने से रोका?
पूरी तरह सहमत- 19 फीसदी
कुछ हद तक सहमत- 27 फीसदी
पूरी तरह असहमत- 49 फीसदी
पती नहीं- 5 फीसदी
विपक्ष का आरोप एजेंसियों का दुरुपयोग?
पूरी तरह सहमत- 20 फीसदी
कुछ हद तक सहमत- 29 फीसदी
पूरी तरह असहमत- 47 फीसदी
पता नहीं- 4 फीसदी
केंद्र सरकार का कामकाज कैसा?
बहुत बेहतर- 37 फीसदी
संतोषजनक- 41 फीसदी
बेहद खराब- 22 फीसदी
यूपी सरकार का कामकाज कैसा?
बहुत बेहतर- 42 फीसदी
संतोषजनक- 36 फीसदी
बेहद खराब- 22 फीसदी
सीएम योगी आदित्यनाथ का कामकाज कैसा?
बहुत बेहतर- 52 फीसदी
संतोषजनक- 27 फीसदी
बेहद खराब- 21 फीसदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कामकाज कैसा?
बहुत बेहतर- 52 फीसदी
संतोषजनक- 32 फीसदी
बेहद खराब- 16 फीसदी
मुख्यमंत्री के रूप में पसंद कौन?
योगी आदित्यनाथ- 61 फीसदी
अखिलेश यादव- 24 फीसदी
मायावती- 11 फीसदी
अन्य- 4 फीसदी
सीएम के तौर पर किसका कार्यकाल बेहतर?
योगी आदित्यनाथ- 42 फीसदी
कल्याण सिंह- 17 फीसदी
मायावती- 15 फीसदी
उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा क्या?
रोजगार- 28 फीसदी
कानून व्यवस्था- 22 फीसदी
स्थानीय विकास- 14 फीसदी
किसान- 9 फीसदी
महंगाई- 7 फीसदी
भ्रष्टाचार- 3 फीसदी
अन्य- 17 फीसदी
बुलडोजर एक्शन के बारे में क्या राय है?
माफिया के खिलाफ कारगर- 54 फीसदी
कुछ हद तक कारगर- 31 फीसदी
सिर्फ प्रचार का तरीका- 15 फीसदी