लोकसभा चुनाव 2024 में अभी लगभग सालभर का समय बाकी है. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई है.
वह केरल के वायनाड से सांसद थे. गुरुवार (23 मार्च) को गुजरात के सूरत की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल कारावास की सजा सुनाई, जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को उनकी संसद सदस्यता रद्द होने की अधिसूचना जारी कर दी. चूंकि अगले आम चुनाव में समय कम बचा है और सभी पार्टियां अपनी एक निर्धारित रणनीति के तहत आगे बढ़ रही हैं तो ऐसे में एक सवाल पैदा हो गया है कि क्या 2024 का चुनाव राहुल गांधी के बिना लड़ा जाएगा और विपक्ष कितना एकजुट होगा?
यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि क्योंकि कांग्रेस देश में मुख्य विपक्षी दल है. केंद्र की बीजेपी नीत नरेंद्र मोदी सरकार को 2024 में चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों की ओर से एकजुट होने की आवाज उठती आई है. कई बार विपक्षी दलों को यह कहते देखा गया है कि आपसी मतभेदों को किनारे रख एकजुट होना होगा, तभी बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल किया जा सकेगा. हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि विपक्षी एकता का नेतृत्व कांग्रेस करेगी लेकिन उसके कई नेता यह कहते रहे हैं कि बगैर कांग्रेस विपक्षी एकता संभव नहीं है.
राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर विपक्षी दलों के कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं, जो इस ओर इशारा करती है कि यह समय उनके लिए एकजुट होने का अवसर है.
नए भारत में विपक्षी नेता बीजेपी के निशाने पर- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत में विपक्षी नेता बीजेपी के निशाने पर हैं, जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले बीजेपी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य ठहराया जाता है. आज, हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक नया निम्न स्तर देखा है.”
सपा के कई नेताओं की सदस्यता बीजेपी ने ली- अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी के भी कई नेताओं की सदस्यता बीजेपी ने ली है, अब कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी की सदस्यता भी चली गई. उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे असली मुद्दों और मित्र कारोबारी पर बहस से ध्यान हटाने के लिए जानबूझकर ये सब किया गया है.
केवल लड़ाई को दिशा देनी है- उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा, ”राहुल गांधी सदस्यता रद्द कर दी गई है. चोर को चोर कहना हमारे देश में गुनाह हो गया है. चोर और लुटेरे अब भी आजाद हैं और राहुल गांधी को सजा दी गई. यह लोकतंत्र की सीधी हत्या है. पूरा सरकारी तंत्र दबाव में है. यह तानाशाही के अंत की शुरुआत है. केवल लड़ाई को दिशा देनी है.”
कई विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं आना बाकी हैं. बता दें कि राहुल गांधी ने 2019 में एक जनसभा में ‘मोदी’ सरनेम का जिक्र करते हुए एक बयान दिया था, जिसे लेकर बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था. उसी मामले पर सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम दो साल कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि, इसी के साथ कांग्रेस नेता को जमानत भी मिल गई थी.