छत्तीसगढ़ में 1 जून से सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज फ्री हो जाएगा. मरीजों को जांच और इलाज के लिए एक रुपया भी देना नहीं पड़ेगा.
राज्य के 10 मेडिकल कॉलेज, 28 जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और सब पीएचसी में कैशलेस इलाज किया जाएगा. इसके बाद सभी अस्पतालों में कैश काउंटर पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. इसकी घोषणा छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdev) ने विधानसभा में कर दी है.
दरअसल राज्य में पिछले साल से कैशलेश इलाज की चर्चा चल रही थी. इसपर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) के स्वीकृति के बाद फाइनल मुहर है.
मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने विधानसभा में घोषणा भी कर दी है. इसके बाद अब जल्द ही राज्य के सभी सरकारी अस्पताल में मरीजों का फ्री में इलाज शुरू हो जाएगा. हालांकि इसके लिए अभी 2 महीने का वक्त है. 1 जून से मरीजों का सरकारी अस्पताल में कोई फीस नहीं लगेगा.
नहीं देना होगा एक रूपया भी अब
आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने विधानसभा में विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन को बताया कि प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में आगामी एक जून से कैशलेस व्यवस्था चालू हो जाएगी. मरीजों को इलाज, जांच और दवाओं के लिए एक रूपया भी नहीं देना होगा. ओपीडी, आईपीडी, दवा और सभी तरह की डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदेशवासियों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर अपनी स्वीकृति दी है. उन्होंने कहा कि कैशलेस व्यवस्था से यूनिवर्सल हेल्थ केयर की परिकल्पना के अनुरूप स्वास्थ्य को एक अधिकार का रूप देने के लक्ष्य को हासिल करने के साथ ही प्रदेश की न्याय योजनाओं में एक और आयाम जुड़ेगा.
एक्सपर्ट डॉक्टरों की संख्या 500 प्लस
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्कीम को लेकर बताया कि राज्य में साल 2017-18 में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या 179 थी जो पिछले 4 वर्षों में बढ़कर 534 हो गई है. पिछले 4 सालों में ही इसमें तीन गुना वृद्धि हुई है. वहीं पिछले 4 सालों में चिकित्सा अधिकारियों की संख्या 1302 से बढ़कर 2413 और दंत चिकित्सकों की संख्या 67 से बढ़कर 222 हो गई है. उन्होंने बताया कि 2017-18 में प्रदेश में डायलिसिस की सुविधा केवल तीन स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध थी, जो आज बढ़कर 29 स्वास्थ्य केन्द्रों तक पहुंच चुकी है. इन केन्द्रों में इस साल किडनी के मरीजों के 42 हजार डायलिसिस किए गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग की अनुदान मांगे पारित
गौरतलब है कि टी एस सिंहदेव के विभागों के लिए 5122 करोड़ आठ लाख 71 हजार रुपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित की गईं. इनमें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 3207 करोड़ 70 लाख 90 हजार रुपए, चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 1574 करोड़ 48 लाख तीन हजार रुपए, वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित व्यय के लिए 335 करोड़ 76 लाख 63 हजार रुपए और बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग से संबंधित व्यय के लिए चार करोड़ 13 लाख 15 हजार रुपए शामिल हैं.