आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. दिल्ली आबकारी मामले में पहले से फंस चुके सिसोदिया पर अब सीबीआई ने फीडबैक जासूसी मामले में केस दर्ज किया है.
गृह मंत्रालय ने दी सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी
केंद्र सरकार ने कथित तौर पर खुफिया राजनीतिक जानकारी जुटाने से संबंधित मामले में सीबीआई को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. दिल्ली के उपराज्यपाल के प्रधान सचिव को भेजे गए पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धारा 17 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी जाती है.
क्या है मामला
गौरतलब है कि सीबीआई का कहना है कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभिन्न विभागों व स्वायत्त निकायों, संस्थानों और संस्थाओं के कामकाज के बारे में प्रासंगिक व कार्रवाई योग्य जानकारी एकत्र करने के लिए 2015 में एफबीयू की स्थापना का प्रस्ताव पेश किया था. इकाई के लिए गुप्त सेवा व्यय के तौर पर एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. इकाई ने 2016 में काम करना शुरू किया. सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 में एक कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन कोई एजेंडा नोट प्रसारित नहीं किया गया था. एजेंसी का दावा है कि एफबीयू में नियुक्तियों के लिए उपराज्यपाल से कोई मंजूरी नहीं ली गई.
दिल्ली आबकारी मामले में ईडी की हिरासत में हैं मनीष सिसोदिया
आबकारी मामले में ईडी ने पहले ही दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया है. कोर्ट ने सिसोदिया को 17 मार्च के ईडी हिरासत में भेज दिया है. आबकारी मामले में ईडी ने अबतक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.