रायपुर : छत्तीसगढ़ भाजपा प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर 15 मार्च को विधानसभा का घेराव करने जा रही है। इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ एक लाख हितग्राहियों के जुटने का भी दावा किया जा रहा है।
इसके लिए भाजपा की तैयारी पूरी हो चुकी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रदेशभर से पहुंचने वाले कार्यकर्ता व हितग्राहियों की समुचित व्यवस्था के मद्देनजर विभिन्न् सुझाव व निर्देश दिए। उन्होंने आने वाले हितग्राहियों के चिकित्सकीय सुविधा ,पानी व भोजन की व्यवस्था व्यवस्थित हो इसके लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस शहर की जनता को तकलीफ ना हो इसलिए कार्यक्रम शहर से बाहर रखा गया है।
आवासहीन परिवारों के लिए भाजपा ने छेड़ा आंदोलन
मोर आवास मोर अधिकार आंदोलन के संयोजक व प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा ने राज्य में ग्रामीण क्षेत्र के 16 लाख व शहरी क्षेत्र के चार लाख कुल 20 लाख गरीब आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास से वंचित किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री आवास इस भ्रष्ट सरकार के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी। जनता प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचकर भूपेश सरकार से अपने आवास का हिसाब मांगेगी। शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लाखों आवासहीन गरीबों का आक्रोश उबल रहा है। भाजपा ने मोर आवास मोर अधिकार आंदोलन खड़ा किया है। यह आंदोलन आवासहीन हितग्राहियों की आवाज बन गया है। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल के माथे पर पूरी तरह से कलंक लग चुका है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के लाखों गरीबों का आवास छीनने का काम किया है।
16 लाख के लक्ष्य में एक लाख आवास भी नहीं बना पाई कांग्रेस: कौशिक
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में आवासहीन लोगों के लिये लगभग 16 लाख 60 हजार से अधिक आवास का लक्ष्य राज्य सरकार को देकर स्वीकृत किया था, किन्तु प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार अब तक केवल 82 हजार 973 आवास ही बना पाई है। उन्होंने कहा कि 16 लाख के आवास के लक्ष्य में कांग्रेस एक लाख आवास भी नहीं बना पाई है। एक तरफ केंद्र की राशि का राज्यांश सरकार नहीं दे पा रही है। यही कारण है कि गरीबों का आवास नहीं बन रहा है। आवास बनते हैं तो लोगों को काम नहीं मिलता। अगर राज्य सरकार राज्यांश देती तो मकान के साथ रोजी-रोजगार की व्यवस्था होती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सर्वे कराने की बात करते हैं लेकिन केंद्र द्वारा जो लक्ष्य उन्हें दिया गया उसकी प्राप्ति नहीं कर पा रहे है तो सर्वे किस बात का कराएंगे?