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Delhi Excise Policy Case: मनीष सिसोदिया पर कांग्रेस हमलावर, आबकारी नीति पर इन सवालों के मांगे जवाब…

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आम आदमी पार्टी (AAP) और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि जिस भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर वो अस्तित्व में आए और पार्टी का गठन कर सरकार बनाई, एक दिन उन्हें भी विपक्षी दलों की ओर से उसी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ेगा.

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ इस वक्त दोनों ही विपक्षी पार्टियां कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) काफी हमलावर है. ये दोनों ही विपक्षी पार्टियां एक के बाद एक उनके खिलाफ मोर्चा खोल कर परेशानियां खड़ी करने पर तुली हैं.

बीजेपी ने किया था प्रचंड प्रदर्शन

बीजेपी के बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जहां दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित आप के ऑफिस के बाहर प्रचंड विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों को भ्रष्टाचारी बताते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की गई. वहीं, शाम में कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आप को घोटालों की सरकार और केजरीवाल को इसका मास्टरमाईंड बताते हुए नैतिकता के आधार पर उनसे इस्तीफे की मांग की गई.

शराब नीति पर उठाए सवाल

दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी कार्यालय पर राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इस दौरान कांग्रेस के संचार विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज ने तंजिया लहजे में कहा कि अन्ना के दूत रहे अरविंद केजरीवाल की नई शराब नीति में कोई भ्रष्टाचार नहीं था. वह राजस्व में फायदा पहुंचाने वाली थी, तो उसे वापस क्यों लिया गया? किसने और क्यों शराब कारोबारियों के कमीशन को 6 प्रतिशत से बढ़ा कर 12 प्रतिशत किया? इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि ब्लैक लिस्टेड कारोबारियों को क्यों अनुबंधित किया गया?

9 वर्ष में केजरीवाल के आधे दर्जन मंत्रियों ने खाई जेल की हवा

उन्होंने केजरीवाल को आईना दिखाते हुए कहा कि केजरीवाल ने 15 साल की शीला दीक्षित सरकार पर मनगढ़ंत आरोप लगा कर भ्रष्टाचारी बताया था, लेकिन कभी भी शीला दीक्षित के किसी भी मंत्री पर चार्जशीट नहीं हुआ. जबकि आप सरकार के 8 साल के कार्यकाल में आप के आधे दर्जन मंत्री जेल की हवा खा चुके हैं. इनमें से जैन और सिसोदिया अब भी जेल में बंद हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली मंत्रिमंडल का प्रमुख होने के नाते, अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा दे कर लोगों से माफी मांगनी चाहिए.

लोकपाल होता, तो पहले ही भ्रष्ट मंत्री होते जेल में

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जनलोकपाल बनाने की बात को लेकर दिल्ली की सत्ता पर काबिज केजरीवाल आज तक जनलोकपाल नहीं बना पाए. अगर दिल्ली में जनलोकपाल होता, तो दिल्ली आज घोटाले की राजधानी नहीं बनती और इनके भ्रष्ट नेता पहले ही जेल में होते.

शहीद भगत सिंह का न करें अपमान

वहीं, सिसोदिया की तुलना शहीद भगत सिंह से किए जाने पर भड़कते हुए इसे उन्होंने सरदार भगत सिंह का अपमान बताया. उन्होंने कहा कि भगत सिंह ने देश के लिए कुर्बानी दी थी, लेकिन केजरीवाल के मंत्रियों ने भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं किया है. शायराना अंदाज में भारद्वाज ने कहा कि ” इन नेताओं ने क्या मासूमियत पाई है, ईमानदारी के नाम पर घोटाले की कमाई खाई है.”

अब क्यों आ रही दिल्ली की जनता की याद

उन्होंने केजरीवाल को आड़े-हाथों लेते हुए कहा कि आज जब उनके मंत्री जेल में बंद हैं, तो वो कहते हैं कि जनता जवाब देगी. आखिर अब उन्हें दिल्ली की जनता की क्यों याद आ रही है? जब शराब नीति बनाई गई, तब उन्होंने दिल्ली की जनता से क्यों कुछ नहीं पूछा, जबकि केजरीवाल कहा करते थे कि मोहल्ला सभा का विकास किया जाएगा और हर नीति को लागू करने से पहले जनता से राय ली जाएगी. तो फिर क्यों हर गली-मोहल्लों में शराब के ठेके खोलने से पहले जनता से राय नहीं ली.

बीजेपी और उपराज्यपाल को भी लपेटा

उन्होंने इस भ्रष्टाचार को लेकर सिसोदिया, जैन और कैलाश गहलोत को तो घेरा ही, साथ ही उन्होंने उपराज्यपाल और बीजेपी को भी लपेटे में लेते हुए कहा कि आप के तीनों मंत्रियों ने एक्सपर्ट कमिटी की ओर से बनाई गई नीतियों में अपने मुताबिक बदलाव कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया और ये सभी संशोधन उपराज्यपाल के माध्यम से बीजेपी के इशारे पर हुए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जानना चाहती है, जब ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियों के पास केजरीवाल के खिलाफ सबूत हैं, तो उनसे पूछताछ क्यों नहीं कर रही है?