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मोदी कैबिनेट में मिल सकती है छत्तीसगढ़ को जगह प्रदेश के भाजपा सांसद दिल्ली पहुंचे आज अमित शाह से होनी है मुलाकात

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छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता दिल्ली रवाना हुए हैं। लगभग सभी सांसदों के दिल्ली जाने के की खबर है। सांसद सुनीला सोनी, सरोज पांडेय, संतोष पांडे और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी दिल्ली गए हैं। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल भी दिल्ली रवाना हुए हैं। डॉ रमन सिंह को भी दिल्ली बुलाया गया है। ये सारी की सारी कवायद मोदी कैबिनेट में होने जा रहे बदलाव से जोड़कर देखी जा रही है। भाजपा की ओर से आधिकारिक रूप से इस दौरे को लेकर कुछ कहा नहीं गया है बीजेपी के सांसद दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तो दिल्ली में एक हाई लेवल मीटिंग होने जा रही है। इस मीटिंग में मोदी कैबिनेट में किसे जगह दी जाए इस पर रायशुमारी होगी। प्रदेश के सांसद इस बात पर जोर देंगे कि प्रदेश से भी किसी चेहरे को मोदी कैबिनेट में जगह दी जाए। इसी वजह से तमाम नेता दिल्ली पहुंचे हैं। सुबह की फ्लाइट से प्रदेश के पूर्व मंत्री राजेश मूणत 20 से अधिक पार्षदों को लेकर दिल्ली रवाना हुए हैं। उनके साथ पार्टी के रायपुर जिला अध्यक्ष जयंती पटेल भी हैं, ये टीम केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से स्मार्ट सिटी के रायपुर प्रोजेक्ट्स की शिकायत करने गई है।

छत्तीसगढ़ से इन समीकरणों पर मंथन
जातीय समीकरण के हिसाब से मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के कुछ सांसदों को मोदी कैबिनेट में मौका मिल सकता है। प्रभावशाली ओबीसी और आदिवासी चेहरों पर फोकस किया जा सकता है। इससे 2023 के विधानसभा चुनाव में इस वर्ग के वोटर को लुभाया जा सके। इसके लिए रायपुर से लेकर दिल्ली तक संगठन और सरकार में लॉबिंग की चर्चाएं हैं।

विजय बघेल, गुहाराम अजगले के नामों की चर्चा

सूत्रों ने बताया कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां के राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में बदलाव किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ भाजपा के लिए अहम राज्य है। 15 सालों तक यहां सत्ता रहने के बाद इस बार सत्ता में लौटने का सियासी टास्क है। केंद्रीय संगठन भी छत्तीसगढ़ पर फोकस किए हुए है। माना जा रहा है कि इन बदलाव के जरिए अगले साल होने वाले चुनावों में बीजेपी बढ़त बनाने की कोशिश करेगी। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में फेरबदल में न केवल मंत्रियों के परफॉर्मेंस का ध्यान रखा जाएगा बल्कि रोटेशन पॉलिसी का भी पालन किया जाएगा ताकि अन्य को भी मौका मिल पाए। इसके जरिए काबिल सांसदों को मौका देना और कुछ मंत्रियों का इस्तेमाल संगठन में करना है। प्रदेश के विजय बघेल, गुहाराम अजगले जैसे नामें की चर्चा तेज है।

विजय बघेल दुर्ग से बीजेपी सांसद हैं।

इसी साल जून में मंत्रिमंडल का हुआ था विस्तार
मोदी मंत्रिमंडल में 2019 के बाद एकमात्र बदलाव इस साल जून में हुआ था। 8 जून को हुए इस बदलाव में 12 मंत्रियों को शामिल किया गया था जबकि कुछ बड़े मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई थी। सूत्रों का मानना है कि इस बार के फेरबदल में भी कुछ ऐसा ही होने वाला है। माना जा रहा है कि इस बार लोकसभा सांसदों की संख्या मंत्रिमंडल में बढ़ सकती है और छत्तीसगढ़ के सांसदों में से किसी को अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।

गुहाराम जांजगीर से बीजेपी सांसद हैं।

कोरबा में हुई थी शाह की सभा
4 दिन पहले कोरबा पहुंचने के बाद अमित शाह का बीजेपी नेताओं ने जोरदार स्वागत करते हुए हल भेंट किया था। जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि,श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ आना उनका सौभाग्य है। यहां की जनता ने बीजेपी को 15 साल शासन करने का मौका दिया, उसके लिए धन्यवाद। उन्होंने कहा कि पहले सभी छत्तीसगढ़ को बीमारू राज्य कहते थे, लेकिन बीजेपी ने इसे बीमारू से विकसित राज्य बनाने की ओर अग्रसर किया। अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये केवल झूठ बोलते हैं। कांग्रेस ने भ्रष्टाचार करने के अलावा कुछ नहीं किया।

कोरबा में जनसभा के दौरान अमित शाह।

गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि हमने 15 सालों में प्रदेश से नक्सलवाद को खत्म किया। कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए क्या किया? कांग्रेस सरकार ने जनजातियों के लिए क्या किया? उन्होंने कहा कि बीजेपी ने आदिवासी बेटी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया।

मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल इसी महीने संभव

केंद्र सरकार के मंत्रालयों में इन दिनों बेचैनी है। पार्टी मुख्यालय से पीएमओ तक उच्च स्तरीय बैठकों की गहमागहमी मोदी कैबिनेट में बड़े फेरबदल का संकेत दे रही है। सरकार और पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पुनर्गठन होगा।

यही टीम इस साल 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का मोर्चा संभालेगी। इसको देखते हुए माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर को नई और अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। इसी तरह गुजरात चुनाव के रणनीतिकार माने जाने वाले सीआर पाटिल को दिल्ली में अहम भूमिका में लाया जा सकता है।