इस साल में प्रदेश में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। यह राज राजनीतिक दृष्टिकोण से भी इसलिए खास माना जा रहा है क्योकि इसी साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है।
जिसके लिए पार्टियों ने अभी से ही तैयारियां शुरू भी कर दी है। तो वहीं 2023 की शुरूआत से तैयारियां और तेज हो जाएंगी। सभी दल अपने संगठन को मजबूत करने और जनता के बीच उतर कर शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
बीजेपी ऐसे बनाएगी माहौल
Year Ender 2022: विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अभी से तैयारी कर सी है। चुनावी साल से पहले ही भाजपा ने प्रदेश में कई विकास कार्य कर जनता के सामने शक्ति प्रदर्शन कर चुके है। प्रदेश सरकार ने 2022 में कई ऐसे काम किए है जिनका बोलवाला पूरे देश के साथ दुनियाभर में हुआ। रानीकमलापति रेलवे स्टेशन का उद्धाटन, नामीबिया से चीतों का कूनों में आना, महांकाल लोक का लोकार्पण जैसे काम कर प्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों के सामने मिसाल को कायम की ही है। खास बात ये है कि इन सभी कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की। तो वहीं 2023 में भी पीएम मोदी के अभी से ही प्रस्ताविद दौरे है। प्रदेश सरकार इस बार का चुनाव भी पीएम मोदी के चैहरे पर लड़ना चाहती है। चुनावी साल में प्रदेश बीजेपी में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। बदलाव की शुरूआत बीजेपी कार्यालय से शुरू हो गई है। प्रदेश में चुनावी साल नें नया बीजेपी कार्यालय बनने जा रहा है। इसके अलावा शिवराज कैबिनेट में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। माना जा रहा है कि इस बार की कैबिनेट में कई बदलाव देखने को मिलेंगे जिसमें कई दिग्गजों की छुट्टी हो सकती है तो वहीं नए लोगों को भी मौका मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। साल के शुरूआत में ही मंत्रीमंडल मं फेरबदल होने जा रहा है। इसके अलावा इसी साल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का भी कार्यकाल खत्म हो रहा है। चुनावी साल में बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन भी देखने को मिलेगा। बीजेपी को अपना नया प्रदेश अध्यक्ष भी मिलेगा। इसके अलावा सरकार इस बार के चुनाव में फॉर्मुला अपना सकती है। जिस प्रकार से सरकार ने सीएम से लेकर सभी चीजों की तस्वीर बदल दी थी जिसका परिणाम गिजरात में बंपर जीत मिली थी। यहीं फार्मुला अपना सरकार एक बार फिर सत्ता पर काबिज हो सकती है। लेकिन इस बार बीजेपी पिछली गलतियों न दौहरते हुए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
कांग्रेस की तैयारी बीजेपी पर पड़ सकती है भारी
Year Ender 2022: 2023 के अंत में नबंवर में विधानसभा के चुनाव होना है। इसके लिए कांग्रेस ने तैयारी कर ली है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्ट वोटिंग के 6 महीने पहले ही अपने उम्मीदवार डिक्लेयर कर देगी। लेकिन इसमें से लगभग 30 सीट पर पेंच आखिरी वक्त तक फंसा रहेगा। पार्टी इन सीटों पर ऐन मौके पर अपने कार्ड्स ओपन करेगी। तो वहीं अगर बात की जाए जनता से वादों की तो पार्टी अपना वचन पत्र चुनाव के 3 महिने पहले घोषित कर देगी। मतलब कांग्रेस का वचन पत्र इस साल अगस्त या सितंबर में ही घोषित हो जाएगा। इसके अलावा पार्टी में लगातार पदाधिकारियों की बेठक का सिलसिला जारी है। 2023 की कमान खुद कमलनाथ संभाले हुए है। पार्टी सर्वे के हिसाब से जिन विधायकों के परफार्मेंस खराब है उनसे वन-टू-वन चर्चा कर चुनाव से पहले क्षवि सुधारने का मौका दिया जा रहा है। इसके अलावा इस बार के चुनाव में भी चार कार्यकारी अध्यक्ष वाला फॉर्मुला रिपीट होगा। तो वहीं साल के शुरूआत में अपनी नई टीम के साथ नजर आएंगे। इसके अलावा कांग्रेस साल के पहले दिन से ही ताकत दिखान शुरू कर देगी। बता दें कि कांग्रेस पार्टी कल से प्रदेशभर में संकल्प अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान के तहत वह नया साल, नई सरकार बनाने का संकल्प लेंगे।
थर्ड फ्रंट बनकर उभर सकती है आप
Year Ender 2022: इस साल फिर सियासत का मेला लगने जा रहा है। जिसमें कई पार्टियां हिस्सा लेंगी। इसमें राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के अलावा थर्ड फ्रंट बनाने की चाह में अन्य छोटे दलों ने भी अपनी जमीन तलाशना शुरू कर दी है। हाल ही में प्रदेश में हुआ नगरिय निकाय चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अपनी ताकत दिखाई थी। जिसका परिणाम ये रहा था कि प्रदेश में एक महापौर आम आदमी पार्टी का है। आम आदमी पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसके बाद आप की नजर में होने वाले विधानसभा चुनावों पर है। नगरिय निकाय चुनाव में आप नमे भविष्य की संभावनाएं पैदा की। जिसका फायदा वह विधानसभा चुनाव में भी उठाने जा रही है। चुनावी साल में आप प्रमुख के दौरे पर रहेंगे। इसके अलावा पार्टी इस बार पूरी तैयारी के साथ चुनाव में सभी 230 सीटों पर दम दिखाने जा रही है। ऐसा करने से आम आदमी पार्टी प्रदेश में थर्ड फ्रंट बनकर उभर सकती है। लेकिन अगर बीजेपी-कांग्रेस का कोर वोटर आप के प्रति अकर्षित हुआ तो इससे दोनों ही पार्टियों को आम आदमी पार्टी के चुनावी मैदान में कूदना भारी पड़ेगा।
बीजेपी-कांग्रेस के रास्ते का रोड़ा बनेंगी ये पार्टियां?
Year Ender 2022: भविष्य की संभावनाओं की तलाश में बीजेपी और कांग्रेस का गेम बिगाड़ने के लिए अन्य छोटे दल भी चुनावी दल में कूदेंगे। इसमें प्रदेश की चर्चित जयस पार्टी जय आदिवासी युवा संगठन भी चुनाव लड़ने की तैयारी में है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में जयस करीब 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। इसके अलावा प्रदेश में अल्पसंख्यक बाहुल्य की सीटों पर कांग्रेस का गणित बिगाड़ने के लिए पार्टी एआईएमआईएम भी चुनावी रण में कूदेगी। जिस प्रकार से AIMIM ने नगरिय निकाय चुनाव में कुछ सीटों पर कब्जा कर अपनी संभावनाए तलाशी उसी की तर्ज पर अब विधानसभा में भी AIMIM पूरा दमखम दिखाएगी। जिसके लिए औवेसी की पार्टी ने अभी से ही प्रदेश भर में सदस्यता अभियान तेज कर दिया है। AIMIM के मैदान में कूदने से सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस के झेलना पड़ेगा। इसके अलावा मैदान में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी अपनी तैयारी कर ली है। हालांकि इन सभी दलों को कोई बड़ी उपलब्धि तो मिलती नजर नहीं आ रही है। लेकिन ये छोटे दल बाकि पार्टियों के वोट काटेगी साथ ही बीजेपी-कांग्रेस का गणित भी बिगाड़ेगी। लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए कहा न जा सकता। ये तो आने वाला वक्त ही बताएंगी कि किसकी लाज बचेगी और किसके सिर पर सत्ता का ताज सजेगा।