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केंद्र के 1022 करोड़ इस्तेमाल ही नहीं कर पाई राजस्थान की कांग्रेस सरकार, 2.5 लाख घरों में अँधेरा

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जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की लापरवाही का खामियाज़ा सूबे की जनता को भुगतना पड़ रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से लोगों के घरों में बिजली का कनेक्शन लगाने के लिए जारी किए गए बजट को भी सीएम अशोक गहलोत की सरकार इस्तेमाल नहीं कर सकी और वह बजट लैप्स हो गया।

इसका नतीजा यह हुआ कि राज्य के 2.5 लाख घर अंधेरे में ही रह गए।

दरअसल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत मोदी सरकार ने राज्य की ढाणियों के 2.5 लाख घरों तक बिजली पहुँचाने के लिए 26 जुलाई 2021 को 1022 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। इसके लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर 2021 तक काम पूरा करने की शर्त रखी थी, मगर राज्य की कांग्रेस सरकार इन 5 महीनों में काम ही आरंभ नहीं कर पाई। केंद्र सरकार की जाँच में खुलासा हुआ है कि अशोक गहलोत सरकार ने इसके लिए मार्च 2022 तक समय बढ़ाने का अनुरोध किया। केंद्र इसके लिए भी राजी भी हो गया। इसके बाद भी काम शुरू नहीं हुआ और राज्य सरकार इस बजट का इस्तेमाल नहीं कर सकी।

इस योजना के तहत गाँवों में किसानों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन दिए जाने थे। इस योजना में 60 फीसद पैसा केंद्र सरकार द्वारा और 40 फीसद राशी राज्य सरकार द्वारा खर्च की जानी थी। हालाँकि, राज्य सरकार इसे पूरा करने में नाकाम रही। बता दें कि व्यक्तिगत खर्च पर बिजली कनेक्शन लेने में 70 हजार से एक लाख रुपए तक का खर्च आता है। जिसे केंद्र सरकार की पहल पर ग्रामीणों को मुफ्त दिया जाना था। इस योजना के तहत सरकार ने वर्ष 2018 तक कनेक्शन लगाए गए थे।

इसके बाद भी ढाणियों के लगभग ढाई लाख घरों तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुँच पाया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने इसके लिए बजट आवंटित किया। इसमें 433 करोड़ रुपए जोधपुर, 433 करोड़ रुपए अजमेर और बाकी राशि जयपुर डिस्कॉम को दी गई। पाँच माह में काम को पूरा करने की शर्त के बाद भी तत्कालीन ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। दिसंबर 2021 में जब भंवर सिंह भाटी ऊर्जा मंत्री बने, तो जनवरी में इसके संबंध में उन्हें पता चला। इसके बाद जब तक काम आरंभ होता, उससे पहले ही बजट लैप्स हो गया।