राम सेतु को लेकर केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच विवाद शुरू हुई है. इस पर भूपेश बघेल ने खरी खोटी सुनाई है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र के रामसेतु है जिसे लेकर कई तरह के बात सुनने को मिलते रहते हैं, इसे लेकर मोदी सरकार ने संसद में जवाब दिया है कि रामसेतु के वजूद के कोई सबूत अभी नहीं मिले हैं. जिसपर छत्तीसगढ़ सरकार CM भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है.
BJP को देश की जनता से मंगनी चाहिए माफ़ी:
राम सेतु को लेकर भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए. उन्होंने देशवासियों को गुमराह किया है. अब इस बयान से खुद कटघरे में खड़े हो गए हैं. आगे CM Baghel ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका चरित्र राम नाम जपना पराया माल अपना वाला मामला है. पहले जब कांग्रेस सरकार में ये बात कही गई थी तो तब हम राम विरोधी थे. अब उनकी सरकार सदन में कहती है, पुख्ता साबुत नहीं है. तो इनको किस श्रेणी में रखा जाए…? RSS और BJP के नेताओं को अब खुद अपनी सरकार से सवाल पूछनी चाहिए.
राम सेतु को लेकर केंद्र सरकार का बयान:
केंद्र सरकार की तरफ से रामसेतु पर जवाब देते हुए जितेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारी कुछ सीमाएं हैं. क्योंकि ये करीब 18 हजार साल पहले का इतिहास है. जिस ब्रिज की बात हो रही है वो करीब 56 किलोमीटर लंबा था. स्पेस टेक्नोलॉजी के जरिए हमने पता लगाया कि समुद्र में पत्थरों के कुछ टुकड़े पाए गए है, इनमें कुछ ऐसी आकृति है जो निरंतरता दिखाती है. समुद्र में कुछ चूना पत्थर और आईलैंड जैसी चीजें दिखी है. सीधे सब्दों में कहा जाए तो ये कहना मुश्किल है कि रामसेतु का वास्तविक रूप वहां मौजूद है.