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आपका मुकाबला भाजपा से है या फिर ईडी से?:सीएम भूपेश बोले-दोनों से है, इस ज्यादती को पूरा देश समझ रहा, एक दिन होगा विरोध

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छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार की चुनौतियों और आने वाली राजनीति के संबंध में दैनिक भास्कर से खुलकर बात की। भूपेश ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा राजनीतिक रूप से लड़ाई लड़ नहीं पा रही है तो वह ईडी और इनकम टैक्स का उपयोग कर रही है। ईडी का इतना अधिक उपयोग किया जा रहा है कि अब भाजपा के साथ-साथ ईडी से भी मुकाबला करना होगा। ईडी वाले डरा रहे थे कि मार देंगे, मार देंगे और उन्होंने जो करना था कर दिया, इसलिए अब तो डर भी नहीं लगता।

भास्कर: चार साल पूरे हो गए। अब सरकार चुनावी तैयारियों में जाने वाली है। आपका मुकाबला भाजपा से है या फिर ईडी से?
भूपेश: हमारा मुकाबला भाजपा और ईडी दोनों से है। हम भाजपा से तो लड़ ही रहे हैं, लेकिन ईडी वाले आने वाले दिनों में गिरफ्तार कर लेंगे तो क्या किया जा सकता है। बिना किसी प्रमाण के उनको गिरफ्तार करने का अधिकार मिला है। किसी को भी गिरफ्तार कर रहे हैं। कभी भी, किसी को भी उठाकर बंद कर रहे हैं। मारपीट कर रहे हैं, प्रताड़ित कर रहे हैं। व्यापारी को, उद्योगपति को किसी को भी उठाकर मारपीट कर रहे हैं। राड से पिटाई कर रहे हैं। कोई कुछ बाेल नहीं पा रहा है।

भास्कर: इससे आप किस तरह निपटेंगे?

भूपेश : सवाल तो यह है कि कब तक लोग इनको बर्दाश्त करेंगे। आखिर कब तक यह ज्यादती चलेगी। एक दिन तो लोग इसके विरोध में खड़े होंगे। पूरा देश समझ रहा है। वह दिन दूर नहीं जब इसका पूरे देश में विरोध होगा।

भास्कर: अगले विधानसभा चुनाव में यही मुद्दा होगा?

भूपेश: निश्चित रूप से यह हमारे लिए बड़ा मुद्दा होगा। इस ज्यादती को लेकर हम जनता के पास जाएंगे। महाराष्ट्र में देख लीजिए, जब तक उनकी सरकार नहीं बनी थी तब तक रोज किसी न किसी के यहां छापा पड़ रहा था। अब कोई खबर नहीं आ रही है। इसका क्या अर्थ लगाया जाए।

भास्कर : छत्तीसगढ़ की राजनीति पर इससे कितना असर होगा?

भूपेश : देखिए। हम तो अपने कामों को लेकर जनता से समर्थन मांगेंगे। हमने जो काम किया है, किसानों-व्यापारियों के लिए और आम लोगों के लिए वही सरकार की ताकत है। ईडी क्या करेगी। ईडी वाले डराने का काम करेंगे, पर हम नहीं डरेंगे। मारूंगा, मारूंगा बोल रहे। मार ही दिए तो फिर डर काहे का। जो करना है, वे तो कर ही रहे हैं।

भास्कर: क्या कांग्रेस ईडी के खिलाफ इस लड़ाई के लिए एकजुट है।

भूपेश: पूरी कांग्रेस इसके खिलाफ खड़ी होगी। याद करिए जब सोनिया गांधी जी को बुलाए थे तब पूरी कांग्रेस साथ में थी। सब जान रहे हैं कि ईडी की पूरी कार्रवाई राजनीति प्रेरित है। जब मैं मुख्यमंत्री के तौर पर केंद्र को लिखकर दे रहा हूं कि चिटफंड कंपनी वाले हमारे राज्य का पैसा लेकर भाग गए हैं तो उसकी जांच तक नहीं कर रहे और यहां रोज ईडी भेज रहे हैं। यह राजनीति नहीं है तो और क्या है। नान घोटाले की जांच क्यों नहीं करा रहे हैं।

भास्कर: आरक्षण का मामला राजभवन में अटक गया है?

भूपेश : देखिए, ऐसा है। संविधान में व्यवस्था है कि जितनी जाति है, उसके आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए। हमने गणना के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया है। राजभवन को अधिकार नहीं है कि वह उस पर सवाल खड़ा करे। जो विधानसभा से विधेयक पास हो गया है, उसको या तो पास करे या वापस करे या राष्ट्रपति के पास भेज दे। राजभवन ने जो सवाल खड़े किए हैं, वो संवैधानिक नहीं हैं।

भास्कर : तो क्या आरक्षण की व्यवस्था राजनीति की भेंट चढ़ जाएगी?

भूपेश: भाजपा के लोग एकात्म परिसर में बैठकर सवाल तैयार कर रहे हैं और राजभवन उसके आधार पर सरकार से सवाल कर रहा है।

भास्कर: सवाल स्वीकार हैं या प्रतिवाद करेंगे?

भूपेश: जो संवैधानिक व्यवस्था होगी, उस दायरे में हम काम करेंगे। हमने कोई असंवैधानिक काम नहीं किया है। हम पीछे क्याें हटेंगे। हमारा स्टैंड क्लियर है। शेष|पेज 11

भास्कर : तो आप क्या राजभवन का जवाब देंगे ?

भूपेश : अधिकारियों से कहा गया है कि राजभवन के सवालों का परीक्षण करें। जो राज्यपाल यह कह रही थीं कि हस्ताक्षर करने में एक मिनट देर नहीं करेंगी। वे अब किंतु-परंतु कर रही हैं। हमने रातों रात मंत्रियों को उनके पास भेजा था लेकिन अब वे कदम पीछे खींच रही हैं। एकात्म परिसर से जैसी आपत्ति आती है, वैसी ही आपत्ति राजभवन से आती है। इससे साफ समझ आ रहा है कि भाजपा के लोग आरक्षण के विरोध में हैं।

भास्कर : सरकार का एक साल का समय बचा है। अब अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करेंगे क्या?

भूपेश : मंत्रियों के काम की समीक्षा तो होती रहनी चाहिए।

भास्कर : मंत्रिमंडल में फेरबदल करने जा रहे हैं ?

भूपेश : यह मामला हाईकमान के अधिकार का है। यह पार्टी की अंदरुनी बात है, इसलिए इस पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करूंगा। हां, चर्चा करने के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जा सकता है।

भास्कर : विधायकों के परफार्मेंस पर पार्टी ने सर्वे कराया है। क्या कमजोर विधायक बदले जाएंगे?

भूपेश : निश्चित रुप से जो कमजोर होंगे, उनको बदला जाएगा। वैसे विधायकों को अपना काम सुधारने का मौका दिया जा रहा है। जिनका काम संतोषप्रद नहीं होगा, उन पर पार्टी विचार जरूर करेगी।