केंद्र सरकार (Central Government) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) को बताया है कि सभी राज्यों को परामर्श भेजा गया था कि जहां लॉकडाउन (Lockdown) में छूट दी गई है, वहां पर भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) जैसे कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन किया जाए. हाई कोर्ट में दाखिल किए गए जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा, ”19 जून और फिर 28 जून को एमएचए ने राज्यों को एडवाइजरी जारी की थी.” केंद्र ने हाई कोर्ट को यह भी बताया कि उसने सभी राज्यों को कोरोना से जुड़े निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है.
हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी के बाजारों में बिना मास्क लगाए घूम रहे लोगों की मीडिया में आईं तस्वीरों को देखने के बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. अपने जवाब में केंद्र सरकार ने लगातार कम हो रहे दैनिक कोरोना मामलों के बीच गतविधियों को दोबारा खोलने का भी बचाव किया है. सरकार ने उसे जरूरी प्रक्रिया बताया है. हालांकि, यह भी कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से कैलिब्रेटेड है.
सरकार ने कहा है कि कोविड-19 मैनेजमेंट के लिए जारी निर्देशों में चेहरा ढंकना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, घर से काम करना, स्क्रीनिंग, हाईजीन और बार-बार सैनिटाइजेशन शामिल है. हाई कोर्ट को सरकार ने यह भी बताया है कि केंद्र ने राज्यों को त्वरित और टारगेट एक्शन के लिए रूपरेखा भी शेयर की थी. केंद्र ने कहा कि यह फ्रेमवर्क कोरोना के प्रभावी प्रबंधन की बात करता है, जिसमें 5 फोल्ड स्ट्रेटजी है. यह टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेट और कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करना है.
‘केंद्र ने राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखा लेटर’
केंद्र ने यह भी कहा है कि सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एक लेटर भी लिखा गया था, जिसमें गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी सलाह का पालन करके कोविड के प्रभावी प्रबंधन के बारे बताया गया था. एजेंसी के अनुसार, हाई कोर्ट की वेकेशन बेंच ने पिछले महीने पीआईएल पर सुनवाई शुरू की थी, जब बाजारों में कोविड प्रोटोकॉल्स के उल्लंघन की तस्वीरें दिखाई गई थीं. कोर्ट ने कहा था कि इस तरह के उल्लंघनों से कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और बढ़ेगी, जिसे बिल्कुल भी अनुमति नहीं दी जा सकती है.
बता दें कि देश में अप्रैल-मई महीने में कोरोना वायरस ने काफी तबाही मचाई थी. चार लाख से भी ज्यादा कोरोना के दैनिक मामले पहुंच गए थे. कुछ दिनों के बाद मामले कम होने लगे थे और अब यह संख्या काफी कम हो गई है. हालांकि, अभी भी सरकार और एक्सपर्ट्स कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की आशंका जता रहे हैं. एक्सपर्ट्स ने कहा है कि कुछ महीनों के बाद यह लहर देश में दस्तक दे सकती है.