दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर को खत्म करने के लिए पहले चरण की डील पर हस्ताक्षर के लिए तारीख तय कर दी है. दोनों देश 15 जनवरी 2020 को समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. वहीं, चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए ब्याज दरें घटाने का ऐलान किया है. चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने ब्याज दरें 0.50 फीसदी घटा दी है. नई दरें 6 जनवरी 2020 से लागू होंगी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि, साल के पहले दिन उठाए गए ये दोनों कदम भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर साबित होंगे. चीन में ब्याज दरें घटने से भारत की वहां कारोबार कर रही कंपनियों को सीधा फायदा मिलेगा. खासकर टाटा मोटर्स की कुल सेल्स का 10 फीसदी हिस्सा चीन से आता है.
अब क्या होगा- एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रेड वॉर रुकने से भारत समेत दुनियाभर के लोगों की बड़ी टेंशन दूर हो जाएगा. ऐसे में भारत भी अपने सामान को आसानी से अन्य देशों में एक्सपोर्ट कर पाएगा. लिहाजा एक्सपोर्ट बढ़ने से अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा. हालांकि इस ट्रेड वॉर के दौर में भारत और चीन के बीच तेजी से कारोबार बढ़ा है.
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भारत पर क्या होगा असर – वीएम पोर्टफोलियो के रिसर्च हेड विवेक मित्तल का मानना है पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना के फैसले का सीधा असर भारत के मेटल और माइनिंग सेक्टर पर पड़ेगा. आयरन और माइनिंग करने वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी की उम्मीद है. इसके अलावा टाटा मोटर्स के शेयर में भी तेजी की उम्मीद है.
नए साल पर दो बड़े फैसले-
(1) अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर को खत्म करने के लिए पहले चरण की डील पर 15 जनवरी को हस्ताक्षर होंगे.
(2) चीन के सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरें 0.50 फीसदी तक घटा दी हैं. इस फैसले से 11,500 करोड़ डॉलर (करीब 8.16 लाख करोड़ रुपये) की लिक्विडी मार्केट में बढ़ जाएगी.
ट्रेड वॉर के कारण कमजोर हो रही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए चीन ने नवंबर 2019 में भी ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया था.
बैंक ऑफ चाइना ने अगस्त में एक नई नीतिगत दर के साथ बाजार में बदलाव को बेहतर ढंग से दिखाने की योजना घोषित की थी. हर महीने की 20 तारीख को एलपीआर जारी किया जाता है.
बड़ी कंपनियों को मिलेगी राहत- दोनों देशों के बीच दोबारा बातचीत शुरू होने से निवेशकों और कई कंपनियो को राहत मिली है. पिछले कुछ वक्त से दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चल रही ट्रेड वॉर से फिलहाल राहत है.
आपको बता दें कि आइफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एप्पल ट्रेड वॉर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कई बार विरोध कर चुकी हैं, क्योंकि पिछले एक साल के दौरान एप्पल की सेल्स में भारी गिरावट आई है.
वहीं, दूसरी ओर अमेरिका ने चीन की बड़ी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी हुवावे पर बैन लगा दिया है. अमेरिका ने हुवावे पर चीनी सरकार के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया है.
दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद के बीच अमेरिका ने चीनी सामान पर टैरिफ 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया है. जिसके बाद चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगा दिया.
दुनिया की बड़ी ब्रोकरेज फर्म डीबीएस के मुख्य अर्थशात्री तैमूर बेग ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि ट्रेड वॉर के कारण अमेरिका और चीन को इस साल अपनी जीडीपी का 0.25 फीसदी गंवाना पड़ सकता है.