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छत्तीसगढ़ – जिला अस्पताल में विशेषज्ञ नहीं, फिर भी लगाई ईको मशीन…

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जिला अस्पताल में दिल की धड़कन जांचने वाली नई ईको मशीन लगाने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में बखेड़ा खड़ा हो गया है। जिला अस्पताल में एक भी विशेषज्ञ डाक्टर नहीं है। ऐसी दशा में मशीन से धड़कन की जांच एमबीबीएस या मेडिसिन के डाक्टर करेंगे, जबकि अंबेडकर से यही मशीन दिल के सरकारी अस्पताल एसीआई में ये कहकर शिफ्ट की गई कि यहां एक भी विशेषज्ञ नहीं है। विशेषज्ञ डाक्टर ही दिल की धड़कन की जांच कर सकते हैं। एसीआई में विशेषज्ञ हैं, इसलिए मशीन वहीं शिफ्ट कर दी गई। अब जिला अस्पताल में नई ईको मशीन लगाने से इससे जांच के मापदंडों पर सवाल खड़े हो गए हैं। 


आला अफसरों ने हालांकि इसे लेकर चुप्पी साध ली है, लेकिन दिक्कत मरीजों को हो रही है। अंबेडकर अस्पताल से मशीन जिस दिन एसीआई में शिफ्ट की गई, उसी दिन से ईको जांच के लिए वेटिंग शुरू हो गई है।  मरीजों को दिल की धड़कन की जांच करवाने के लिए 10-12 दिन इंतजार करना पड़ रहा है। इमरजेंसी वाले मरीजों को तो प्राइवेट अस्पतालों में जांच करवानी पड़ रही है। हालांकि छह महीने पहले तक जिस यूनिट में मरीज का इलाज होता था, उसी यूनिट के डॉक्टर जरूरतमंद मरीजों का इको टेस्ट कर रहे थे। अब ऐसे मरीजों को एसीआई भेजा जा रहा है। इसमें समय भी अधिक लग रहा है, वेटिंग लिस्ट भी लंबी होती जा रही है।


 इसकी सबसे बड़ी वजह है कि एसीआई में केवल एक ही विशेषज्ञ हैं। वे दिन में ओपीडी के समय जितना हो सकता है, उतने मरीजों की जांच करते हैं। उसके बाद मरीजों को आगे की तारीख दे दी जाती है। इसी वजह से वेटिंग लिस्ट बढ़ती जा रही है। इस मामले में चिकित्सा शिक्षा के अधिकारियों ने अब चुप्पी साध ली है। जिला अस्पताल में कैसे नई मशीन लगा दी गई, जबकि वहां एक भी विशेषज्ञ नहीं, ऐसा क्यों? इस तरह के सवाल को अफसर टाल रहे हैं।

कब होता है ईको टेस्ट
डॉक्टरों के अनुसार हार्ट की धड़कन में किसी प्रकार की असामान्यता होने पर इको टेस्ट करवाया जाता है। जिला अस्पताल में धड़कन की अनियमितता, छाती में दर्द या सांस फूलना जैसी समस्याओं से जुड़े लक्षण पर इमरमजेंसी में मरीजों की जांच की जाएगी। स्टेथेस्कोप से जांच दौरान अगर डॉक्टर को दिल धड़कने की आवाज में कुछ असामान्यता महसूस होती है, तो डॉक्टर इको टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते हैं। जिला अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि एडवांस मशीन से सोनोग्राफी के साथ इको भी होगा। यानी पेट और हृदय दोनों रोगों की जांच एक ही मशीन से की जाएगी। 


क्या है इको कार्डियोग्राफी मशीन
इको मशीन से हार्ट की जांच की जाती है। जांच में वाल्व व चेंबर आदि की तस्वीरें नजरें आती हैं। इससे डॉक्टर को दिल के पंपिंग कार्यों की जांच करने में मदद करती है। इस टेस्‍ट में ध्‍वनि तरंगों (अल्‍ट्रासाउंड) का इस्‍तेमाल किया जाता है जिसमें दिल की तस्‍वीरें बनाई जाती है। हार्ट के आकार में अंतर, पंप करने की क्षमता में कमी, वाल्व संबंधी रोग व समस्याएं, दिल की मांसपेशियों में क्षति, ट्यूमर व जन्‍मजात हार्ट रोग का पता चल जाता है। 


निजी अस्पताल के डॉक्टर देंगे सेवांए
जिला अस्‍पताल में सुपर स्पेश्यालिटी सुविधा शुरू करने की योजना है। इसके लिए निजी अस्पतालों के डॉक्टर सेवाएं देेंगे। सुपर स्पेश्यालिटी इलाज कब शुरू होगा, इस संबंध में अभी अधिकारी कुछ जवाब नहीं दे रहे हैं।

वर्जन
डीएमई के निर्देश के बाद इको मशीन एसीआई में शिफ्ट की गई है। मेडिसिन के डॉक्टर वहां इको करने नहीं जाते। इसलिए हो सकता है, वेटिंग बढ़ गई हो।
डॉ. वीएन मिश्रा, एचओडी मेडिसिन अंबेडकर अस्पताल
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मांग के अनुसार मशीन खरीदी जाती है। इसमें सीजीएमएससी की अलग से कोई भूमिका नहीं होती।