खानपान की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए आइआरसीटीसी ने नई पहल की है। अब भोजन के हर पैकेट में क्यूआर कोड होगा। इसे स्केन करते ही यात्रियों के मोबाइल पर जानकारी मिल जाएगी कि भोजन किस बेस किचन में तैयार हुआ है, लाइसेंसी कौन है और उसका नंबर क्या है। इसके अलावा पैकेट का वजन भी देख सकेंगे। ट्रेनों में पेंट्रीकार की कमान आइआरसीटीसी के पास है। इसका संचालन कैसे करना है, यात्रियों को खाने में क्या देना और क्या नहीं, यह आइआरसीटीसी ही निर्धारित करता है।
संचालक को हर नियम-शर्तों का पालना करना अनिवार्य है। हालांकि तमाम पुख्ता इंतजाम के बावजूद ट्रेन में न खानपान की क्वालिटी सुधर रही और न ओवरचार्जिंग। इतना ही नहीं चावल, दाल, सब्जी सभी के वजन में कैची चलाई जाती है। इन्हें रोकने के लिए आइआरसीटीसी हर संभव प्रयास कर रहा है। धीरे-धीरे ट्रेन में खाना पकाने के सिस्टम को खत्म किया जा रहा है। इसकी बजाय निर्धारित स्थान पर सेंट्रल किचन स्थापित किए जा रहे हैं।
बिलासपुर में जोनल स्टेशन के जनआहार केंद्र को इस किचन के रूप में तब्दील किया गया है। रसोई से खाना कैसे बनता है और वहां काम करने वाले कर्मचारी साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखते हैं या नहीं, इसके लिए हाल ही में कैमरे लगाए गए हैं। इस कर्मचारियों का कामकाज लाइव नजर आता है। यह व्यवस्था देशभर के जोन में हैं।
पारदर्शिता की इसी कड़ी में क्यूआर कोड की नई व्यवस्था को लागू किया गया है। इसके तहत अब चावल हो दाल या फिर सब्जी जब सेंट्रल किचन से निकलेगा तो उसमें कोड रहेगा। इसके बाद बगैर पैकेज सप्लाई करने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई। पैकेट को लेकर यात्री के मन में कोई संशय हो तो वह उसके मोबाइल पर कोड को स्केन कर सकता है। इससे रसोई की पूरी डिटेल मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी।
इससे यात्री सीधे नामजात शिकायत कर सकता है। साथ ही रसोई संचालक के मन में इस बात का डर रहेगा कि कहीं उसकी शिकायत न हो जाए। इस स्थिति में सीधे आइआरसीटीसी जुर्माने की कार्रवाई करता है। दो से चार बार शिकायत के बाद बड़ी कार्रवाई की जाती है।
क्लिक करते ही रसोई का लाइव वीडियो
स्केन के बाद खुलने वाले पेज पर एक किनारे में आप्सन भी दिया गया है। इसे क्लिक करते ही यात्री रसोई की लाइव मानिटरिंग कर सकते हैं। वह यह जान सकेंगे कि उनको खाना परोसने वाले किचन में सफाई व्यवस्था कितनी बेहतर है। यदि गंदगी या कर्मचारी टोपी-दस्ताने के बगैर खाना पका रहे हैं तब यात्री सीधे शिकायत कर सकते हैं।
जल्द नजर आएगा शिकायत नंबर
वर्तमान प्रारूप में एक कमी यह है कि आरआरसीटीसी या रेलवे का हेल्पलाइन नंबर नहीं है। इस कमी को आइआरसीटीसी के अधिकारियों ने खुद महसूस किया है। यही वजह है कि इसमें तकनीकी सुधार करते हुए नंबर को जोड़ने का निर्णय लिया गया है।
– रेलवे बोर्ड के आदेश पर क्यूआर कोड की नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। बुधवार को इसका पहला दिन था। हालांकि अभी जोनल स्टेशन से केवल एक ट्रेन हावड़ा- अहमदाबाद एक्सप्रेस में खाना चढ़ाया जा रहा है। आगामी दिनों में सभी में जनआहार से खाना चढ़ाया जाएगा। उस स्थिति में क्यूआर कोड यात्रियों की सुविधा के लिए बेहतर साबित होगा। – राजेंद्र बोरबन, एरिया मैनेजर, आइआरसीटीसी