ध्वनि प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। रात साढ़े 10 बजे के बाद यदि किसी ने शोर मचाया तो कार्रवाई होगी। इसके अलावा दिन में भी निर्धारित मानक से तेज आवाज में बजाने सामग्री जब्त होगी। विद्यार्थियों की पढ़ाई, वृद्धाओं, निशक्तजनों, रोगियों की बाधा एवं परित्रास तथा लोग शांति को ध्यान में रखते जिला प्रशासन ने ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग के लिए पांच दल गठित किया है।
जिला प्रशासन ने इस संबंध में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए पांच निरीक्षण दल का गठन किया है। इसके तहत रायपुर जिले के सीमा के अंतर्गत पूर्व अनुमति के बिना ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग को प्रतिबंधित किया गया है। इसके तहत मल्टी टोंड हॉर्न और प्रेशर हॉर्न तथा डीजे के प्रयोग करने पर उनके जब्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई के लिए यह दल करेगा काम
रायपुर शहर के लिए पांच दल बनाए गए हैं। इनमें अनुविभागीय दंडाधिकारी प्रणव सिंह, राजीव पांडेय, संदीप अग्रवाल, अंकिता गर्ग और पूनम शर्मा के नेतृत्व में अपनी-अपनी थाना क्षेत्रों में नियमों का पालन सुनिश्चित कराएंगे । इसके अलावा अनुविभागीय दंडाधिकारी आरंग और अभनपुर अपने क्षेत्रों में प्रदूषण अधिनियम के नियमों का पालन कराएंगे।
इस नियम के तहत होगी कार्रवाई
कोलाहल अधिनियम 1985 की धारा चार और धारा पांच के तहत सख्ती होगी। इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण के संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट और छत्तीसगढ़ राज्य की आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा पर्यावरण एवं जनहित में दिए गए निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। जिला प्रशासन ने नागरिकों से भी अपील और अनुरोध किया है कि वे अपने पर्यावरण की रक्षा और ध्वनि प्रदूषण से नागरिकों को बचाने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन करने में सहयोग करें।
ध्वनि विस्तारक यंत्रो का उपयोग निर्धारित मानकों में करने के लिए निर्देश दिया गया है। मामले में शिकायत आने पर निगरानी दल कार्रवाई करेगा। – डॉ.एस. भारतीदासन, कलेक्टर, रायपुर