किसानों की कर्ज माफी की घोषणा करने वाले देश के ज्यादातर राज्यों ने अपने बजट में इसके एवज में आधी राशि का भी प्रावधान नहीं किया है। इस मामले में छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों का करीब 11 हजार करोड़ स्र्पये का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया है। राज्य के करीब 19 लाख से अधिक किसानों को इसका लाभ मिला है। इस कर्ज माफी के एवज में सरकार ने अब तक दो अनुपूरक और एक मुख्य बजट के माध्यम से लगभग 10 हजार करोड़ स्र्पये का प्रावधान कर दिया है। हालांकि इस चक्कर में सरकार को दिसंबर 2018 से अब तक 12 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज लेना पड़ा है।
नवंबर- दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने किसानों से कर्ज माफी का वादा किया था। सरकार बनते ही सबसे पहला फैसला कर्ज काफी का हुआ। पहले केवल सहकारी बैंकों से लिए गए 61 सौ करोड़ की कर्ज माफी का फैसला किया गया। फिर दायरा बढ़ाकर राष्ट्रीयकृत और व्यावसायिक बैंक को भी शामिल कर दिया गया।
इससे रकम 61 सौ करोड़ से बढ़कर 10 हजार करोड़ के पार पहुंच गई। मौजूदा सरकार ने इस वर्ष जनवरी में अपना पहला और वित्तीय वर्ष 2018-19 का तीसरा अनुपूरक बजट पेश किया। उसमें अल्पकालीन कृषि ऋण्ा माफी के लिए चार हजार 224 करोड़ का प्रावधान किया गया था। चालू वित्तीय वर्ष के मुख्य बजट में पांच हजार और फिर जुलाई में पेश किए गए पहले अनुपूरक बजट में 768 करोड़ स्र्पये का प्रावधान इस मद में सरकार ने कर दिया है।
कर्ज के बावजूद आर्थिक स्थिति मजबूत होने का दावा
एक वर्ष से भी कम समय में सरकार ने 12 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज लिया है। इसके बावजूद सरकार का दावा है कि राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक है। सरकार ने इस कर्ज से अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने के साथ ही धान का बोनस भुगतान करने में किया है। वित्त विभाग के अनुसार छत्तीसगढ़ में ब्याज भुगतान की राशि कुल जीएसडीपी का 1.1 प्रतिशत है, जबकि अन्य राज्यों का औसत ब्याज भुगतान 1.7 प्रतिशत है। यह ब्याज भुगतान प्रतिशत देश में न्यूनतम है।
मौजूदा सरकार के कार्यकाल में कर्ज
(दिसंबर 2018 से अब तक)
आरबीआइ- 12400
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक- 557.01
एशियन डेवलपमेंट बैंक- 217.31
कुल- 13174.32