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छत्तीसगढ़ के छोटे वैज्ञानिकों का कमाल : साइकिल के पैडल से सिंचाई और खींचेंगे कुएं का पानी

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बच्चों के लिए 46वीं जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी 15 से 20 अक्टूबर 2019 तक राजधानी के शंकर नगर स्थित बीटीआइ मैदान में होने जा रही है। इसमें देश भर के 147 मॉडल प्रस्तुत किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ से तीन मॉडल प्रस्तुत होंगे। इनमें दो मॉडल साइकिल की पैडल से सिंचाई करने और कुएं से पानी खींचने वाले हैं और एक मॉडल आपदा में भी हेलीकाप्टर उतारने का आइडिया देगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से यह विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन होने जा रहा है।

15 फीट गहराई से बगैर बिजली पानी खींचकर करेंगे सिंचाई

शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला मुंगेली की कक्षा 11वीं की छात्राओं में दीपांजलि और जूली सोनकर ने 10 से 15 फीट गहराई से बिना बिजली के पानी खींचने का पंप बनाया है। यह सिंचाई के लिए सुविधाजनक होने के साथ किसानों की सेहत का भी ख्याल रखेगा।

कबाड़ से जुगाड़ करके छात्राओं ने पंप, साइकिल रिंग, बेल्ट और पंप का फुटबॉल लगाकर बिना पैसे और बिजली के ही पानी खींचने का तरीका बनाया है। इसके जरिए तालाब, कुएं और नदी से भी पानी खींच सकते हैं। साइकिल पंप चक्के का एक बार चक्कर मारने पर 25 राउंड घूमता है। छात्राओं ने बताया कि यह स्थैतिक बल को गति ऊर्जा में बदल देता है और पानी को ऊपर लिफ्ट करता है ।

साइकिल का पैडल मारकर महिलाएं भरेंगी कुएं का पानी

राजधानी से लगे शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अभनपुर की कक्षा 11वीं की छात्रा कुसुम बांधे ने महिलाओं और दिव्यांग लोगों को कुएं से पानी भरने में हो रही परेशानी को महसूस किया । इस समस्या को दूर करने के लिए पुरानी साइकिल के पैडल और चेन का इस्तेमाल करके मॉडल बनाया। इसकी चर्चा अब देश भर में हो रही है। इसे विज्ञान प्रदशर्नी में प्रदर्शित कर प्रदेश का प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

कुसुम बांधे ने साइकिल को इस तरह डिजाइन किया है, जिसमें बैठकर महिलाएं और दिव्यांग आसानी से कुएं से पानी निकाल सकते हैं। इसमें सामान्य बाल्टी की तुलना में अधिक पानी निकाल सकते हैं। पानी से भरी बाल्टी ऊपर आने पर पैडल लॉक करने का ऑप्शन भी दिया है, ताकि साइकिल से उतरकर दिव्यांग बाल्टी उतार सकें। मार्गदर्शक शिक्षक हेमंत कुमार साहू ने बताया कि महिलाएं जब कुएं से पानी भरती हैं तो बहुत मेहनत का काम हो जाता है। महिलाएं भी गिर जाती हैं। पैडल मारकर तीन बाल्टी पानी एक साथ निकाल सकते हैं।

आंधी-बारिश में भी रोक सकेंगे हेलीकाप्टर

अगर कहीं अत्यधिक बारिश हो रही है, आंधी चल रही हो तो भी हेलीकाप्टर को उतारने में दिक्कत नहीं होगी। इसके लिए सरस्वती एनटीपीसी स्कूल कोरबा के 12वीं के छात्र उमेश कुमार ने एक मॉडल बनाया है। इसका नाम मेथड ऑफ ब्रिज कंस्ट्रक्शन इमरजेंसी है। पास्कल के लॉ के अनुसार यह मॉडल बनाया है, जो परिस्थितियों को अनुकूल करके हेलीकाप्टर को उतारने में मदद करेगा।

गौरतलब है कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य बच्चों को अपनी स्वाभाविक जिज्ञासा एवं रचनात्मकता के लिए एक मंच उपलब्ध कराना है, जहां वे अपनी ज्ञान पिपासा हेतु खोजबीन कर सकें। प्रदर्शनी में बच्चे विज्ञान एवं गणित की भूमिका को सराहने, कृषि, उर्वरकों, खाद्य-प्रसंस्करण, जैव तकनीक, हरित ऊर्जा, आपदा प्रबंधन, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, खगोल विज्ञान, परिवहन, क्रीड़ा तथा खेलकूद एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के क्षेत्र में नए उपायों को तलाशने, पर्यावरणीय मुद्दों और सरोकारों के बारे में जागृति फैलाने तथा इसके निपटारों के लिए अभिनव विचारों के प्रति प्रेरित होते हैं।

ये ले रहे प्रदर्शनी में हिस्सा

एससीईआरटी के संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने बताया कि राष्ट्रीय प्रदर्शनी, राज्यों और संघ राज्य क्षेत्र और अन्य संस्थानों द्वारा पूर्व वर्ष में जिला स्तर, जोन स्तर, राज्य स्तर पर आयोजित प्रदर्शनी का अगला कदम है। सभी राज्यों, संघ राज्य क्षेत्र, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति, परमाणु ऊर्जा के केंद्रीय विद्यालयों, सीबीएसई से संबद्ध पब्लिक स्कूलों (स्वतंत्र विद्यालयों), सेंट्रल तिब्बती स्कूल प्रशासन तथा क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों के प्रायोगिक बहुउद्देशीय विद्यालयों से चयनित प्रविष्टियां राष्ट्रीय स्तर की इस प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही हैं।