केंद्र सरकार ने अब राज्य को मिलने वाले मिट्टी तेल के कोटे में 38 प्रतिशत की कटौती कर दी है। इससे पहले केंद्र सरकार छात्रावासों और दाल-भात सेंटर के लिए अनाज देना बंद कर चुकी है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने पहली तिमाही में 28 हजार 764 किलोलीटर मिट्टी तेल का आबंटन किया था, जबकि दूसरी तिमाही के लिए मात्र 17 हजार 880 किलोलीटर आबंटन तय किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मिट्टी तेल का कोटा बढ़ाने की मांग की थी। उनका कहना था कि मिट्टी तेल के अपर्याप्त कोटे की वजह से राज्य में 12.90 लाख राशन कार्डधारियों को केरोसिन का वितरण नहीं हो पा रहा है।
एलपीजी सिलेंडरों के रिफिल कीमत के युक्तियुक्तकरण और एलपीजी वितरकों की संख्या में पर्याप्त प्रसार होने तक ईंधन के रूप में मिट्टी तेल की जरूरत बनी रहेगी। ऐसे में कटौती से गरीब परिवारों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद केंद्र ने मिट्टी तेल में भारी कटौती कर दी है।