उच्चतम न्यायालय सोमवार को एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) पर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा। अदालत में दो वकीलों ने याचिका दाखिल की है। इसके कारण अभी तक बिहार के मुजफ्फरपुर में 130 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं पूरे बिहार में मरने वालों की संख्या 152 हो चुकी है।
वहीं एईएस के कारण मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारी भी अलर्ट पर हैं। रविवार को आठ साल के एक बच्चे की मौत हो गई। निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसका बच्चा एईएस से पीड़ित था। बच्चे के पिता इब्राहिम खान ने कहा, ‘खाटेगांव में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने मुझे हताया कि मेरा बेटा दिमागी बुखार से पीड़ित था। मैं उसे निजी अस्पताल लेकर गया जहां डॉक्टरों ने कहा कि वह एईएस से पीड़ित हो सकता है। मैंने उसे एमवाई अस्पताल में भर्ती कराया जहां रविवार को उसकी मौत हो गई।’
हालांकि एमवाई अस्पताल के डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि बच्चा एईएस से पाड़ित था या नहीं। वह उसकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा वायरल बुखार से पीड़ित था लेकिन कुपोषित नहीं था जो एईएस का मुख्य कारण है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि बच्चे के खून के नूमनों को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी भेजा गया है ताकि पता चल सके कि वह एईएस से पीड़ित था या नहीं। बच्चे के गांव में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भेजी गई है।