जापान के ओसाका में 28 जून से शुरू हो रहे जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे। भारत सम्मेलन में आतंकवाद, कालाधन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधार जैसे मुद्दों को जोरशोर से उठाएगा।विज्ञापन
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक जी-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय दल का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय सुरेश प्रभु करेंगे। प्रभु ने कहा, भारत वैश्विक मंच पर आतंकवाद समेत पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दे उठाएगा।
डब्ल्यूटीओ में सुधार का मुद्दा भी एजेंडे में शामिल है। हमारा मानना है कि डब्ल्यूटीओ को मजबूत करना चाहिए। इसे ऐसा संगठन बनाना चाहिए जिसके जरिए वैश्विक व्यापार का नियमन हो सके। इसके अलावा भगोड़े आर्थिक अपराधी, सामाजिक सुधार योजनाओं का मुद्दा भी हम उठाएंगे।’ उन्होंने कहा कि 2008 की आर्थिक मंदी के बाद से जी-20 एक महत्वपूर्ण वैश्विक मंच हो गया है।
गौरतलब है कि शिखर सम्मेलन में मुक्त व्यापार, आर्थिक वृद्धि, कालाधन, वित्त, डिजिटल अर्थव्यवस्था, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, समावेश एवं सतत विश्व, वैश्विक स्वास्थ्य, समुद्री प्लास्टिक कचरा और आतंकवाद चर्चा के लिए विषय हैं।
मोदी-ट्रंप की हो सकती है मुलाकात
शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात होने की संभावना है। दूसरी बार पीएम बनने के बाद मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ पहली मुलाकात होगी। दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए मोदी और ट्रंप की यह मुलाकात दुनिया का ध्यान आकर्षित करेगी। भारत, रूस और चीन जी-20 समिट से इतर त्रिपक्षीय बैठक में भी शामिल होंगे। सम्मेलन से इतर ब्रिक्स देशों के नेताओं की अनौपचारिक बैठक और अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी।
1999 में हुई जी-20 समिट की शुरुआत
पिछले साल पीएम मोदी अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में आयोजित जी-20 सम्मेलन में शामिल हुए थे। तीन दिवसीय आयोजन में प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की थी। जी-20 सम्मेलन की शुरुआत 1999 में हुई थी। सामान्य तौर पर इसे आर्थिक बाजार और विश्व अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाता है।