प्रदेश में सड़क हादसे पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ने नायाब तरीका निकाला है। विभाग ने कमर्शियल वाहन चालकों को ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन चालकों को प्रदेश में संचालित विभिन्ना कंपनियों में नौकरी भी दिलवाएगा।
इससे एक तरफ जहां वाहन चालकों को आसानी से नौकरी मिलेगी, वहीं यातायात के नियमों की जानकारी होने से हादसे पर भी लगाम लगेगी। नया रायपुर स्थित तेंदुआ गांव के फेस टू में 20 एकड़ में 17 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मोटर ट्रेनिंग स्कूल का निर्माण किया जा रहा है।
परिवहन विभाग इसका निर्माण मारुति ऑटोमोबाइल कंपनी के साथ मिलकर कर रहा है। 90 प्रतिशत काम हो चुका है। इस साल के अंत तक इसे शुरू कर दिया जाएगा। यहां करीब 200 लोग एक साथ ट्रेनिंग ले सकेंगे।
मारुति कंपनी के विशेषज्ञ चालकों को प्रशिक्षण देंगे। खास बात यह है कि प्रदेश के कोने-कोने से लोग यहां आकर ट्रेनिंग ले सकेंगे, क्योंकि यहां हॉस्टल का भी निर्माण किया जा रहा है। हॉस्टल में रहने-खाने की पूरी व्यवस्था रहेगी। एलईडी के माध्यम से क्लास लेकर यातायात नियम की जानकारी दी जाएगी।
90 दिन की होगी ट्रेनिंग
आरटीओ अधिकारी ने बताया कि यहां बस, ट्रक जैसे बड़े कमर्शियल वाहनों को चलाने के लिए 90 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। नॉन कमर्शियल वाहनों को चलाने के लिए 21 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी।
प्रशिक्षणार्थियों के लिए 80 कमरों का हॉस्टल बनाया जा रहा है। दूर-दराज से आने वाले अभ्यर्थी यहां रहकर ट्रेनिंग लेंगे। ट्रेनिंग देने के लिए आरटीओ और मारुति कंपनी के पांच-पांच कर्मचारी तैनात रहेंगे। ट्रेनिंग के बाद अभ्यर्थियों को ट्रैक पर चलाने के लिए गाड़ी मुहैया कराई जाएगी। आठ आकृति वाले ट्रैक, रिवर्स पार्किंग, पैनल पार्किंग, लेन चेंजिंग्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ट्रेनिंग के बाद लाइसेंस के लिए नहीं देना होगा टेस्ट
वर्तमान में लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों को पंडरी और आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग टेस्ट देना होता है। इसके लिए काफी जद्दोजहद करनी होती है। घंटों लाइन में भी लगना पड़ता है। दूसरी ओर टेस्ट की प्रक्रिया पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। नया ट्रेनिंग स्कूल में टेस्ट के लिए काफी जगह मिलेगी। ट्रेनिंग सर्टिफिकेट लेने के बाद लाइसेंस के लिए आवेदन करने पर टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। विभाग उनको तुरंत लाइसेंस जारी करेगा।
– नया रायपुर में बन रहे अत्याधुनिक मोटर ट्रेनिंग स्कूल में कमर्शियल वाहन की ट्रेनिंग लेने वालों को प्रदेश में संचालित कंपनियों में प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। –डी. रविशंकर, संयुक्त परिवहन आयुक्त छत्तीसगढ़