शिवसेना के मुखपत्र सामना ने अपने संपादकीय में राम मंदिर को लेकर भरोसा जताया है. संपादकीय में कहा गया है कि अब राम मंदिर का निर्माण होगा. श्रीराम का काम होगा ही, ऐसा वचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने दिया है. देश की सत्ता में श्रीराम के विचारों वाली सरकार आई है. देश में रामराज्य निर्माण हो इसीलिए करोड़ों जनता ने मोदी को खुलकर वोट दिया है और मंदिर निर्माण की याद दिलाई है.
सामना में लिखा गया है कि राम मंदिर का निर्माण हो इसके लिए सैकड़ों कारसेवकों ने अपना बलिदान दिया है. उनकी शहादत और खून को व्यर्थ नहीं जाने देंगे. अखंड हिंदुस्तान का सपना साकार होगा और दुनियाभर में श्रीराम के देश की जय-जयकार होगी. इसे ही रामराज्य कहते हैं. इतना ही नहीं विपक्ष पर तंज कसते हुए सामना में विरोधियों की तुलना रावण, विभीषण, कंस आदि से की.
शिवसेना ने मोदी सरकार को अपने राममंदिर की याद दिलाते हुए कहा, ‘चुनाव से पहले मोदी जी ने स्पष्ट किया था कि अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी जाएगी लेकिन ऐसा कानून और सर्वोच्च न्यायालय की सहमति से होगा. हम उनकी भूमिका से सहमत हैं लेकिन सर्वोच्च न्यायालय को जनभावना या जनादेश को मानना चाहिए. जल्द ही शिवसेना के सभी विजयी सांसद अयोध्या जानेवाले हैं.’
एनडीए की जीत को बताया श्रीराम का आर्शीवाद
आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने श्रीराम का नाम लेनेवालों पर हमले किए. फिर भी अमित शाह श्रीराम की जय-जयकार करते रहे और बंगाल में भाजपा को जीत मिली. कांग्रेस राज में भी राम अंधेरे में थे लेकिन अब अयोध्या में दीवाली ही होगी. राम का काम अयोध्या और देश में चारों ओर होगा. यही जनादेश है. 2019 का लोकसभा चुनाव का नतीजा रामराज्य और राम मंदिर के समर्थन में दिया गया जनादेश है. साथ ही शिवसेना ने एनडीए की इस जीत को श्रीराम का आशीर्वाद बताया है
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