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तैयार हो गई सवालों की लिस्ट, डॉ. पुनीत गुप्ता की गिरफ्तारी से खुलेंगे राज

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पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के दामाद एवं डीकेएस सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के पूर्व अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता जल्द सरेंडर कर सकते हैं। यह चर्चा रविवार को दिन भर सुर्खियों में रही, लेकिन इसकी पुष्टि कहीं से भी नहीं हो सकी। पुलिस के पास डॉ. गुप्ता कहां छिपे हैं, इससे संबंधित कुछ जानकारी है। पुलिस इन ठिकानों पर दबिश क्यों नहीं दे रही है, इसका जवाब अफसर नहीं दे रहे। गिरफ्तारी हो या सरेंडर, उससे पूछे जाने वाले सवाल तैयार हैं।

डॉ. गुप्ता पुलिस की सख्ती में कई राज खोल सकते हैं। कई नेता, अफसरों के नाम भी सामने आ सकते हैं। 16 मार्च को डीकेएस के वर्तमान अधीक्षक डॉ. केके सहारे ने 50 करोड़ की गड़बड़ियों पर डॉ. गुप्ता के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करवाई थी।

इस मामले में गठित जांच कमेटी ने पूछताछ के लिए सवालों की पूरी फिहरिस्त तैयार कर ली है। यह सूची अब तक जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर तय की गई है। दूसरी तरफ 912 फाइलें डीकेएस में हैं, इनमें गड़बड़ियों का चिठ्ठा पुलिस को मिला है।

पुलिस से पूर्व स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने इन्हीं फाइलों के आधार पर बताया था कि आवश्यकता से अधिक मशीनों, फर्नीचर की खरीदी और गैर जरूरी पदों पर भर्तियां की गईं। जांच के दायरे में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी), चिकित्सा शिक्षा विभाग के कई फाइलें हैं।

तीन सदस्यीय टीम ने शुरू की जांच

गोलबाजार थाना में 16 मार्च की दोपहर अपराध क्र. 70/19 के तहत 409, 467, 468, 420 और 120 के अंतर्गत अपराध दर्ज किया गया था। इसी पर जांच जारी है। इन धाराओं में जमानत मिलना मुश्किल है।

महालेखाकार की ऑडिट खत्म 

बीते 15 दिन से जारी महालेखाकार की ऑडिट खत्म हो गई है। ऑडिट रिपोर्ट में क्या है इसका खुलासा तो रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद ही होगा, लेकिन यह रिपोर्ट ही पुलिस के लिए कार्रवाई का बड़ा आधार बनेगी। पुलिस सूत्रों की मानें तो केस डायरी के साथ पुलिस इस रिपोर्ट को भी संलग्न करेगी। जांच अधिकारी नसर सिद्दिकी ‘नईदुनिया” से बातचीत में यह बात पहले ही कह चुके हैं।

पकड़े जाने पर पुलिस इन बिंदुओं पर करेगी पूछताछ 

– दस्तावेजों के आधार पर 59 करोड़ रुपये की शासकीय स्वीकृति उपकरण खरीदी के लिए थी, 104 करोड़ की खरीदी का आधार दें? शासन से स्वीकृति क्यों नहीं ली? सीजीएमएससी के किस अधिकारी ने इस खरीदी में आपका साथ दिया है?


– जरुरत से अधिक उपकरणों की खरीदी क्यों की गई, इसमें शासकीय संपत्ति का दुरुपयोग हुआ है?

– उपकरणों की खरीदी, आउटसोर्सिंग, दुकानों के आवंटन की फाइलें कहां हैं? कुछ शासकीय फाइलें आपके निजी क्लीनिक, घर से बरामद हुई हैं? उन्हें क्यों घर ले जाया गया?

– 29 मार्च को आपको पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया था, पेश न होने की पीछे क्या वजह है? इतने दिनों तक आप कहां थे, किसके घर में ठहरे हुए थे? उन सभी के नाम बताएं।