महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ियों में कार्य करने वाली कार्यकर्ताओं से विभाग के अलावा विभिन्ना कार्य भी कराए जा रहे हैं। इससे विभाग का मूल काम काफी प्रभावित हो रहा है। बधाों की आरम्भिक शिक्षा व पोषण कार्यक्रम भी प्रभावित होने लगा है। धीरे धीरे आंगनबाड़ी से बधाों की दूरी बनती जा रही है। समय पर पोषण आहार नहीं मिलने, आरम्भिक शिक्षा, शारीरिक खेल गतिविधि नहीं होने से आंगनबाड़ियों में बधाों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
महिला बाल विकास विभाग द्वारा पाटन ब्लॉक में दो परियोजना संचालित है। पाटन परियोजना में 267 तथा जामगांव एम परियोजना में 184 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। इन आंगनबाड़ी में 3 से 6 वर्ष के 19,000 बधाों का पंजीयन है। इन बधाों को यहां पर आरम्भिक शिक्षा, संस्कार, शारीरिक क्रिया के तहत खेल गतिविधि के साथ कुपोषण से दूर रहने के लिए सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। इन सब कार्य को पूरा करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूरे समय व्यस्त रहतीं हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाएं अन्य विभागीय कार्यो में भी ली जाने लगी है। इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास अपने विभाग के मूल काम के लिए समय ही नहीं मिल रहा है। ऐसे में विभाग का काम प्रभावित तो हो रहा है। साथ ही बधाों की आरम्भिक शिक्षा व स्वास्थ्य, पोषण का अधिकार पर भी कटौती होने लगी है।
समय समय पर करते है यह अतिरिक्त काम
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लगभग सभी विभागीय कार्यो में अब शामिल किए जाने लगा है। जब जब चुनाव आता है तब तब कार्यकर्ताओं की बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) बना दिया जाता है। इस काम में दिन भर समय देना पड़ता हैं। सप्ताह में कई बैठकंे व जानकारी बनाने में ही समय निकल जाता है। स्थानीय प्रशासन का आदेश होने के कारण काम नहीं कर सकती यह भी नहीं कह सकती। कार्य में लापरवाही बरते जाने पर निलंबन की तलवार लटकी रहती है। इस कारण मूल काम ध्यान हटाकर निर्वाचन के कार्यो पर ध्यान देते हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायत द्वारा समय समय पर विभिन्ना सर्वे कराया जाता है। जैसे गरीबी रेखा सर्वे, गृह भेंट अभियान, शौचालय का उपयोग हो रहा है या नहीं इसकी जानकारी, राशन कार्ड बनाने में सर्वे में पंचायत का सहयोग, विभिन्ना जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रसार का जिम्मा भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दे दिया जाता है। अभी कुछ साल से स्वच्छ भारत मिशन में भी स्वच्छता सर्वे का काम भी कार्यकर्ताओं को दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव गांव में टीकारण कराया जाता है। इसमें भी आंगनबाड़ी केंद्र को ही टीकाकरण केंद्र बनाया जाता है। टीकाकरण के दिन आंगनबाड़ी के बधो बाहर खेलते नजर आते हैं। टीकाकरण के लिए हितग्राही को बुलाने का काम भी इन्ही कार्यकर्ताओं के जिम्मे है।
ये काम हो रहे प्रभावित
मिली जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाएं अन्य विभाग द्वारा लेने से उनका मूल काम प्रभावित हो रहा है। जो काम प्रमुख रूप से प्रभवित हो रहे हैं उनमें भारत सरकार का शाला पूर्व शिक्षा का अभियान, बधाों का शाला प्रवेश से पहले आरम्भिक शिक्षा, बधाों का शारीरिक अभ्यास, रचनात्मक अभ्यास, बधाों का पोषण आहार प्रमुख है।
विभागीय जानकारी मिलने में भी देरी
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बिभिन्ना विभाग द्वारा सौपे गए कार्यो की जानकारी उक्त विभागों को देनी पड़ती है। इस कारण उनके अपने आंगनबाड़ी की गतिविधियों की जानकारी देने में विलंब हो जाता है। बताया जाता है कि कई बार मासिक बैठक की जानकारी नहीं बनाये जाने के कारण स्थगित भी की जा चुकी है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि विभाग के कार्यो को भी समय पर पूरा करें। विभिन्ना विभागों के काम के कारण काम तो प्रभावित होता है लेकिन इसके बाद भी कार्यकर्ताओं द्वारा बेहतरीन कार्य किया जा रहा है। बधाों को शाला पूर्व शिक्षा, आरंभिक शिक्षा व पोषण आहार समय पर मिले इसके भी निर्देश दिए हैं।
जितेंद्र कुमार साव
परियोजना अधिकारी
महिला बाल विकास विभाग जामगांव एम