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छत्तीसगढ़ : खुलासे के बाद नोटिस जारी, फर्जी डिग्री से शिक्षाकर्मी कर रहे थे नौकरी

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छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से फर्जीवाड़े के एक मामले का खुलासा हुआ है. गुरूर ब्लॉक स्थित साल्हेभाट प्राथमिक शाला में B.Ed की फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे वर्ग 3 के 2 शिक्षाकर्मियों के मामले का खुलासा होते ही जिला शिक्षा अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. वहीं अब मामले को लेकर जल्द ही दोनों फर्जी शिक्षकों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज भी किया जा सकता है. मामले के खुलासे के बाद पूरे शिक्षाकर्मियों में हलचल मची हुई है. वहीं 2008 में हुए गुरुर जनपद पंचायत से शिक्षकों की भर्ती भी संदेह के दायरे में आ चुकी है.

बता दें, मामला गुरुर जनपद पंचायत क्षेत्र का है. यहां 2008 में हुए शिक्षा कर्मी की भर्ती में जिन शिक्षकों की भर्ती की गई उनमे अधिकतर लोगों की B.Ed की डिग्री फर्जी पाई गई है. दो शिक्षाकर्मी युवक साल्हेभाट स्थित प्राथमिक शाला में फर्जी शिक्षक बन कर पढ़ा रहे थे. चंद्रभूषण बांधे और भगवती प्रसाद देवांगन नामक शिक्षकों की जांच में B.Ed की डिग्री फर्जी पाई गई. मामले के खुलासे के बाद पूरे शिक्षाकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है.

वहीं इन दोनों फर्जी शिक्षकों की मानें तो इन्हे नौकरी का लालच देकर 2008 में पदस्थ गुरुर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मंडावी ने इनसे लाखों रुपए ले लिए. फिर इन्हे सिर्फ फॉर्म भर कर जमा करने बोल दिया गया. अधिकारी ने उन पैसे के बदले फर्जी B.Ed की डिग्री इन युवकों के फॉर्म में जोड़ दिया और उसे जोड़ने के बाद में इनकी नौकरी भी लगा दी. मामले के खुलासे के बाद इन दोनों युवकों पर अब आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की आवाज भी उठने लगी है. वहीं दोनों शिक्षकों ने खुद को निर्दोष बताया है.

मामले के खुलासे के बाद शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गई है. जिला शिक्षा अधिकारी आरएल ठाकुर का कहना है कि शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अगर जवाब प्रस्तुत नहीं हुआ तो दोनों फर्जी शिक्षकों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई शिक्षा विभाग करेगी. वहीं 2008 के इस पूरे भर्ती को जो संदेह के दायरे में है उसकी अब जांच शिक्षा विभाग करने वाली है.