रायपुर। राजधानी रायपुर के उरला थाना क्षेत्र के बिरगांव, संतोषीपारा में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। कर्ज से परेशान एक परिवार के तीनों सदस्य मंगलवार की आधी रात खुदकुशी करने के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए। सौभाग्य से जवान बेटे की जान इसलिए बच गई कि फंदा बड़ा होने से उसका पैर जमीन पर छू गया, जबकि दंपती की मौत हो गई। उसी ने घटना की जानकारी उरला पुलिस को दी। पुलिस ने दंपती के शव को फांसी के फंदे से उतारकर आंबेडकर अस्पताल भेजा। दोपहर में पोस्टमार्टम उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस घटना से बिरगांव में सनसनी फैल गई है। परिवार में मातम का माहौल है।
उरला पुलिस के मुताबिक संतोषीपारा निवासी मोहन लाल साहू (45) और राधा साहू (35) अपने 18 साल के बेटे सेवकराम साहू के साथ रहते थे। मोहन लाल ने पिछले साल नमकीन पैक करने वाली मशीन लगाने के लिए 4 लाख रुपये का लोन बैंक से लिया था। इसके अलावा स्थानीय परिचित लोगों से भी लाखों का कर्ज ले रखा था। मशीन लगाने के बाद भी कारोबार नहीं चला। कमाई कम होने से पूरा परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने लगा। ऊपर से बैंक समेत करीब 10 लाख से ज्यादा का कर्ज होने से लेनदार परेशान करने लगे थे। रोज-रोज के तगादे से साहू परिवार परेशान था।
ने के बाद लिया आत्मघाती फैसला
पुलिस का कहना है कि मंगलवार की रात में खाना खाने के बाद मोहन लाल साहू ने अपनी पत्नी राधा साहू और बेटे सेवकराम के साथ बातचीत कर एक साथ फांसी लगाकर जान देने का फैसला लिया। दंपती के साथ बेटे ने भी गले में नायलोन रस्सी का फंदा बांधा। बेटे का फंदा बड़ा होने से उसका पैर जमीन पर छू गया जिससे उसकी जान बच गई। दंपती की फंदे में लटकते ही दम घुटने से मौत हो गई। माता-पिता की लाश देख घबराए बेटे ने पुलिस को घटना की सूचना दी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया।