पाकिस्तान के बालाकोट में चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग सेंटर पर मंगलवार की सुबह भारतीय वायुसेना के हमले की टाइमिंग की जानकारी सिर्फ़ सात लोगों को ही थी.
अख़बार के मुताबिक़ मंगलवार की सुबह तीन बजकर 40 मिनट से लेकर तीन बजकर 53 मिनट तक हुए इस हमले में मिराज लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया था.
भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा में 14 फ़रवरी को सीआरपीएफ़ पर हुए आत्मघाती हमले के बाद से ही ये माना जा रहा था कि भारत निश्चित तौर पर कोई कार्रवाई करेगा.
भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ को चरमपंथियों के ठिकाने चिन्हित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी. रॉ ने चरमपंथियों के ऐसे छह ठिकानों की जानकारी उपलब्ध कराई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 फ़रवरी को हवाई हमले की मंज़ूरी दी थी.
ख़ुफ़िया विभाग के अधिकारियों के मुताबिक़ इस हमले की टाइमिंग की जानकारी सिर्फ़ सात लोगों को थी, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ के प्रमुख शामिल हैं.
22 फ़रवरी से ही वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमानों को सीमा के निकट के एयरबेस से रात में उड़ान भरवाना शुरू कर दिया था ताकि पाकिस्तानी सेना को भ्रम में डाला जा सके.
25 फ़रवरी को ख़ुफ़िया जानकारी मिली कि बालाकोट के शिविर में जैश-ए-मोहम्मद के 300 से 350 चरमपंथी मौजूद हैं. इसके बाद एयरफ़ोर्स को हमले की हरी झंडी दे दी गई.
पाँच शहरों में हाई अलर्ट
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक. पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना के हमले के बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई की आंशका को देखते हुए दिल्ली, मुंबई और अन्य पाँच शहरों को अगले 72 घंटे के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है.
अख़बार ने ख़ुफ़िया विभाग के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से लिखा है कि इनमें से तीन शहर पंजाब, राजस्थान और गुजरात में हैं.
पंजाब के गुरदासपुर, तरनतारन, अमृतसर, फ़िरोज़पुर और फजिल्का में भी प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मंगलवार को एंटी टैररिस्ट स्क्वॉड और ख़ुफ़िया अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की.