गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में सरकार की तरफ से धान की लगातार खरीदी की जा रही है। हालांकि इस दौरान बारदानों की किल्लत भी सामने आ रही है। इसका ताजा मामला गरियाबंद जिले में सामने आया। यहां बारदानों की कमी के चलते किसानों ने जमकर हंगामा कर दिया। किसानों के हंगामे के बाद प्रशासन हरकत में आया। उन्होंने, राइस मिल से बारदानों की कमी को पूरा किया।
दरअसल, शुक्रवार के दिन जिले के फिंगेश्वर में धान खरीदी की जा रही थी। इसी दौरान बारदानों की कमी हो गई। बारदानों की कमी के चलते किसानों ने प्रदर्शन कर दिया। बारदानों की कमी के चलते किसान परेशान हो रहे हैं। किसानों के हंगामे को देखते हुए प्रशासन ने राइस मिलों से इसकी व्यवस्था कराई तब जाकर देर शाम तक धान की खरीदी की गई।
बारदानों की कमी के चलते शुरू हुआ हंगामा
गरियाबंद जिले में सुबह से ही किसान अपनी धान की फसल बेचने के लिए खरीदी केंद्रों में पहुंच गए। हालांकि वहां बारदानों की कमी के चलते किसानों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने धान से भरे वाहनों से सड़क को जाम कर दिया। किसानों ने बेलटुकरी ,चरौदा धान खरीदी केंद्र में प्रदर्शन किया। वहीं, चरौदा धान खरीदी में समिति ही 25 रुपए में एक बारदाना बेच रही है। समिति द्वारा बारदाना बेचने से किसानों में नाराजगी दिखी। उन्होंने इसे धान खरीदी में सरकार की नाकामी बताया।
अफसरों ने किए बारदाने के जुगाड़
किसानों के हंगामे के बाद खरीदी केंद्रों में मौजूद राजस्व फूड अफसरों ने बारदानों का इंतजाम करना शुरू किया। वे जिले भर के राइस मिलों में पहुंचकर लाखों बरादाने अपने कब्जे में लिए। साथ ही जरूरत के हिसाब से खरीदी केद्रों में पहुंचा रहे हैं।
क्यों हुई बारदानों की कमी
मिली जानकारी के अनुसार कस्टम मिलिंग नीति में सहमति नहीं बनने के बाद प्रदेश के कई राइस मिलर्स हड़ताल पर चले गए हैं। उनमें से किसी ने भी धान उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। इसके चलते बारदानों की समस्या सामने आई है। अभी तक धान खरीदी में केंद्र के आधे बफर की लिमिट पूरी हो गई है। मिलर्स के धान उठाने के चलते आगे भी समस्या आ सकती है। डीएमओ अमित चन्द्राकर ने बताया कि जिले में मिलर्स की स्ट्राइक के चलते पुराने बारदानों की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी। विशेष नीति के तहत जिले में उपलब्ध 100 प्रतिशत खाली पीडीएस बारदाने को समितियों मे पहुंचाया गया है।