Home technology तैयार हो चुकी चंद्रयान-4 और 5 की डिजाइन, जानिए कब होगा लॉन्च…

तैयार हो चुकी चंद्रयान-4 और 5 की डिजाइन, जानिए कब होगा लॉन्च…

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नईदिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि अगर सरकार अप्रूव कर दे, तो चंद्रयान-4 मिशन को जल्दी लॉन्च किया जा सकता है. क्योंकि इसरो ने चंद्रयान-4 और 5 की डिजाइन तैयार हो चुकी है. हम सिर्फ सरकार की तरफ से हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं।
मीडिया खबर के मुताबिक, चंद्रयान-4 मिशन चंद्रमा की सतह से पत्थर और मिट्टी का सैंपल लेकर आएगा. इसमें सॉफ्ट लैंडिंग होगी. इससे ज्यादा जरूरी मिशन होगा स्पेस डॉकिंग कराएगा. यानी चंद्रयान-4 को अंतरिक्ष में टुकड़ों में भेजा जाएगा. इसके बाद उसे स्पेस में ही जोड़ा जाएगा. ये काम इसरो पहली बार करने जा रहा है. डॉ. सोमनाथ ने इंडियन स्पेस एसोसिएशन के ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के एक क्रार्यक्रम से अलग मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 के बाद हमारे पास चंद्रमा को लेकर कई मिशन है. इससे पहले इसरो अधिकारियों ने कहा था कि चंद्रयान-4 साल 2028 में लॉन्च किया जाएगा. ये है चंद्रयान-4 का डिजाइन जिसके लिए सरकार की हरी झंडी आनी बाकी है
इसके अलावा डॉ. सोमनाथ ने बताया कि इसरो की प्लानिंग है कि अगले पांच साल में इसरो 70 सैटेलाइट लॉन्च करेगा. इसमें निचली कक्षा में स्थापित होने वाले सैटेलाइट्स भी होंगे. इसमें कई तरह के मंत्रालयों की डिमांड पूरी की जा रही है. इसमें चार सैटेलाइट NAVIC रीजनल नेविगेशन सिस्टम के होंगे।
बता दें कि, INSAT 4D वेदर सैटेलाइट्स, रिसोर्ससैट, कार्टोसैट सैटेलाइट्स भी इसी 70 सैटलाइट्स में शामिल हैं. इसके अलावा कुछ उपग्रह रिमोट सेंसिंग और हाई रेजोल्यूशन इमेजिंग में काम आएंगे. इसरो ओशनसैट सीरीज के सैटेलाइट्स को और डेवलप करने की तैयारी में है. डिमॉन्स्ट्रेशन 1 और 2 सैटेलाइट्स छोड़े जाएंगे. इसरो चीफ डॉ. सोमनाथ ने कहा कि गगनयान मिशन के लिए इसरो पहले रिले सैटेलाइट्स लॉन्च करेगा. ताकि पृथ्वी के चारों तरफ से गगनयान से संपर्क किया जा सके. उस पर नजर रखी जा सके. इसके अलावा जीसैट सैटेलाइट्स के जरिए संपर्क में भी रहेंगे. ये सैटेलाइट्स SpaceX के फॉल्कन रॉकेट से अमेरिका से ही लॉन्च होगा. इसके अलावा बुध और शुक्र ग्रह के मिशन भी होंगे।
क्या है चंद्रयान-4 को अंतरिक्ष में जोड़ने की तैयारी:- इसरो चीफ ने कहा कि चंद्रयान-4 एक बार में लॉन्च नहीं होगा. चंद्रयान-4 के हिस्सों को दो बार में अंतरिक्ष में लॉन्च किया जाएगा. इसके बाद चंद्रमा की तरफ जाते हुए चंद्रयान-4 के हिस्सों को अंतरिक्ष में ही जोड़ा जाएगा. यानी असेंबल किया जाएगा. इसका फायदा ये होगा कि भविष्य में अपना स्पेस स्टेशन इसी तरह जोड़कर बनाएगा. स्पेस में चंद्रयान-4 और उसके पार्ट्स को जोड़कर इसरो यह तकनीक और क्षमता भी हासिल कर लेगा कि वह भविष्य में स्पेस स्टेशन बना ले. इसलिए चंद्रयान-4 मिशन बेहद जरूरी है. डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि हमने चंद्रयान-4 की सारी प्लानिंग हो चुकी है. उसे कैसे लॉन्च करेंगे. कौन सा हिस्सा कब लॉन्च होगा. इसके बाद कैसे उसे स्पेस में जोड़ा जाएगा. फिर उसे कैसे चंद्रमा पर उतारा जाएगा. कौन सा हिस्सा वहीं रहेगा. कौन सा हिस्सा सैंपल लेकर वापस भारत लौटेगा. कई लॉन्चिंग इसलिए करनी पड़ेगी क्योंकि हमारे पास अभी उतना ताकतवर रॉकेट नहीं है. जो चंद्रयान-4 को एक बार में लॉन्च कर सके।
इस साल दिखाएंगे अंतरिक्ष में:- इसरो चीफ ने कहा कि हमारे पास डॉकिंग यानी स्पेसक्राफ्ट के हिस्सों को जोड़ने की तकनीक है. यह काम धरती के अंतरिक्ष या फिर चंद्रमा के अंतरिक्ष दोनों जगहों पर कर सकते हैं. यानी पृथ्वी के ऊपर भी और चंद्रमा के ऊपर भी. हम अपनी इस तकनीक को डेवलप कर रहे हैं. डॉकिंग तकनीक के प्रदर्शन के लिए इसरो इस साल के अंत तक SPADEX मिशन भेजेगा. चंद्रमा पर मिशन पूरा करके धरती पर आते समय डॉकिंग मैन्यूवर करना एक रूटीन प्रक्रिया है. हम यह काम पहले भी कर चुके हैं. चंद्रयान के अलग-अलग मिशन में दुनिया ये देख चुकी है. हमने एक स्पेसक्राफ्ट के कुछ हिस्सों का चंद्रमा पर उतारा जबकि एक हिस्सा चांद के चारों तरफ चक्कर लगाता रहा. इस बार उन्हें जोड़ने का काम करके दिखाएंगे. लेकिन हम इस बार धरती की ऑर्बिट में चंद्रयान-4 के दो मॉड्यूल्स को जोड़ने का काम करेंगे।

ISRO चीफ का ऐलान... तैयार है Chandrayaan-4 और 5 का डिजाइन, पांच साल में  लॉन्च करेंगे 70 सैटेलाइट्स - ISRO chief said S. Somanath Indian space  agency Completes Designs for Chandrayaan 4