पुरी | पुरी में रथ यात्रा का आयोजन आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानि 7 जुलाई से होगा. यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ जी बीमार हो गए हैं, बुखार के चलते उनका एकांतवास चल रहा है |
भगवान जगन्नाथ जी के बीमार होने के बाद भक्तों के लिए दर्शन बंद कर दिए जाते हैं, वैद्य उनका इलाज करते हैं. आखिर ऐसा क्यों होता है कि हर साल भगवान जगन्नाथ यात्रा से पहले बीमार होते हैं |
दरअसल भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम प्रतिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गृर्भग्रह से बाहर लाते हैं और उन्हें सहस्त्र स्नान कराया जाता है. ठंडे पानी से नहाने के कारण भगवान बीमार हो जाते हैं, उन्हें बुखार हो जाता है |
दरअसल भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम प्रतिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गृर्भग्रह से बाहर लाते हैं और उन्हें सहस्त्र स्नान कराया जाता है. ठंडे पानी से नहाने के कारण भगवान बीमार हो जाते हैं, उन्हें बुखार हो जाता है |
इस दौरान उन्हें कई औषधियां दी जाती है. औषधी के रूप में काढ़ा पिलाया जाता है. सादे भोजन जैसे खिचड़ी का भोग लगाया जाता है |
इसके बाद वह पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद तीनों देवी-देवता रथ यात्रा पर निकलते हैं. वह यात्रा के दौरान गुंडीचा मंदिर अपनी मौसी के घर जाते हैं. फिर 10वें दिन पुन: अपने स्थल पर लौट आते हैं |