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स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षकों पर बढ़ी जिम्मेदारी बोझ, पहले की तुलना में अब दोगुना होगा प्रशिक्षण…

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रायपुर- छत्तीसगढ़ के स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए नई शिक्षा नीति 2020 लागू की जा रही है. इसके लिए प्रत्येक शिक्षकों की साल भर में 50 घंटे की ट्रेनिंग होगी, इसके पहले पहले 25 घंटे की ट्रेनिंग दी जाती थी |

अपर संचालक शिक्षा जेपी रथ ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में बताया कि गुणात्मक सुधार के लिए नई शिक्षा नीति 2020 में सभी स्कूलों के सभी शिक्षकों 50 घंटे के ट्रेनिंग प्रोगाम में शामिल करना अनिवार्य किया गया है. इसमें शिक्षक द्वारा शासन के विभिन्न जरूरी कार्यों में दिए गए रचनात्मक समय को भी जोड़ा जा सकेगा, ताकि वह अधिक उत्साह से नवाचार और गुणवत्ता के लिए योगदान दे सके. नई नीति में यह उनकी पदोन्नति का भी आधार बन सकेगा. सीपीडी (सतत् व्यावसायिक प्रशिक्षण) के लागू होने से टीचर्स के एजुकेशन क्वालिटी में सुधार हो सकेगा व बच्चों तक गुणवत्ता शिक्षा उपलब्ध हो सकेगा |

ऑनलाइन रिकार्ड होगा तैयार

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू होने के बाद इसे अनिवार्य किया है. इसके पहले सभी स्कूलों के लिए 25 घंटे के ट्रेनिंग कोर्स चलाया जाता था, जो अक्सर अधिकतर स्कूल फॉलो नहीं करते थे. अब ट्रेनिंग का ऑनलाइन रिकॉर्ड तैयार होगा, जिससे भागीदारी करने वाले स्कूलों की डिटेल मिलती रहेगी. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत हर स्कूल के टीचर्स को इसमें भागीदारी करना जरूरी होगा. सीबीएसई द्वारा भी एनआईपी के अनुसार यही प्रक्रिया अपनायी जा रही है |